गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। बिहार की राजधानी पटना और वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर का सारण, गोपालगंज, सिवान और यूपी के पूर्वांचल से सीधा संपर्क को लेकर छपरा से हाजीपुर के बीच वर्ष 2009 में एनएच 19 पर लगभग 66 किलोमीटर फोर लेन सड़क का निर्माण कार्य के लिए 575 करोड़ में टेंडर किया गया था। उसे तब के देश के बड़े कंपनियों में शुमार मधुकान कंपनी को 28 जुलाई 2010 को एनएचएआई द्वारा इस परियोजना का एग्रीमेंट किया।
जानकारी के अनुसार 27 जनवरी 2011 को इस कंपनी ने निर्माण काम शुरू किया। उक्त निर्माण कंपनी को यह काम तीन वर्ष यानी जुलाई 2013 तक पूरा कर देना था। मगर काम के तरीके से लगातार अधिकारियों से लेकर सारण जिला के रहिवासी तक परेशान थे।
फोर लेन का काम समय पर कौन कहे, उक्त फोर लेन सड़क का निर्माण अभी तक पूरा नहीं हो सका है।
बताया जाता है कि पिछले वर्ष सड़क निर्माण कंपनी भी बदल दी गई है। अभी काम जिस तेजी से होना चाहिए था, वह नहीं किया जा रहा है। हाजीपुर से छपरा के बीच कहीं एक लेन तो कहीं दो लेन सड़क का निर्माण कार्य आधा अधूरा किया गया है। अभी हाजीपुर तथा सोनपुर के बीच गंडक नदी पर पुल और कई ओवर ब्रिज का निर्माण भी बचा हुआ है।
बताया जाता है कि हाजीपुर-छपरा फोर लेन सड़क के निर्माण में हो रही देरी के मामले में पटना हाई कोर्ट के समक्ष दाखिल याचिका की पिछले दिनो सुनवाई की गयी। कोर्ट के समक्ष निर्माता कंपनी ने हलफनामा दायर कर बताया कि गंडक नदी पर निर्माणाधीन पुल पर 10 स्पैन और चढ़ाए जाने हैं।
एक स्पैन को चढ़ाने में लगभग 40 दिन लगते हैं। हलफनामे द्वारा बताया गया कि आरओबी, ओवर ब्रिज एवं हाई टेंशन बिजली के पोल को स्थानांतरित करने का कार्य भी बाकी है। यानी इस सड़क के निर्माण में अभी 400 दिन और लगने का अनुमान है। ऐसे में यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि पंद्रह साल बाद भी हाजीपुर-छपरा मार्ग आधा-अधूरा है।
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