सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। पश्चिम सिंहभूम जिला के हद में नोवामुंडी कॉलेज परिसर में एनएसएस इकाई द्वारा कार्यक्रम आयोजित कर 12 फरवरी को संत शिरोमणि रविदास की 648वीं जयंती हर्षोल्लास से मनाई गई।
कॉलेज के प्राचार्य डॉ मनोजित विश्वास की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में कॉलेज के सभी शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्य द्वारा संत रविदास की तस्वीर पर माल्यार्पण व् दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। इस अवसर पर उपस्थित सभी शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने पुष्प अर्पित करते हुए संत रविदास के प्रति श्रद्धा प्रकट की।
इस अवसर पर डॉ विश्वास ने संत रविदास के आदर्शों और विचारों को याद करते हुए कहा कि 15वीं सदी के महान संत रविदास आज के समाज के लिए प्रेरणा श्रोत हैं। उनके साहित्यिक योगदान ने समाज में व्याप्त अज्ञानता, जात- पात व भेदभाव के खिलाफ संघर्ष में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने जातिगत भेदभाव पर चर्चा करते हुए कहा कि सबसे पहले हम सभी एक इंसान हैं, लेकिन कुछ स्वार्थी तत्वों ने हमें बांटने की कोशिश की है। उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, ईशा मसीह, गुरु गोविंद सिंह और पैग़म्बरों का उल्लेख करते हुए कहा कि सभी धर्मों के महापुरुषों ने हमें सत्य, अहिंसा, त्याग और मानवता का संदेश दिया है। सभी ने सत्य के मार्ग पर चलने, नैतिकता अपनाने और परोपकार करने की सीख दी है।
उन्होंने कहा कि धर्म का वास्तविक उद्देश्य इंसानियत को जोड़ना है, न कि बांटना। संत रविदास के शब्द हमें आज यह सिखाते हैं कि हम किस प्रकार भेदभाव और अन्याय को दूर कर एक समरस समाज का निर्माण कर सकते हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षक- शिक्षिकाओं ने भावपूर्ण माहौल में उनके आदर्शों एवं शिक्षाओं को याद कर अपने विचार व्यक्त किए।
मौके पर शिक्षक – शिक्षकेत्तर कर्मचारियों में पीएन महतो, साबिद हुसैन, मुकेश कुमार सिंह, दिवाकर गोप, राजकरण यादव, कुलजिंदर सिंह, धनी राम महतो, नरेश कुमार पान, तन्मय मंडल, संतोष पाठक, अमरजीत लागुरी, भवानी कुमारी, लक्ष्मी मोदक, सुमन चातोम्बा, हीरा चातोम्बा, लिडिया महतो, दयानिधि प्रधान, जगन्नाथ प्रधान, रामबहादुर चौधरी, गुरु चरण बालमुचू, अनिमेष बिरुली आदि उपस्थित थे।
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