बेरमो जिला बनाओ संघर्ष समिति के बैनर तले कार्यक्रम का आयोजन
एस. पी. सक्सेना/ममता सिन्हा/तेनुघाट(बोकारो)। बोकारो जिला के हद में बेरमो अनुमंडल मुख्यालय तेनुघाट स्थित अधिवक्ता भवन परिसर में 6 दिसंबर को बेरमो अनुमंडल स्थापना के 50 वर्ष पुरा होने पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गोमियां विधायक डॉ लंबोदर महतो, विशिष्ट अतिथि संयुक्त बिहार के पूर्व मंत्री व् पूर्व विधायक छत्रु राम महतो तथा जिला परिषद उपाध्यक्ष बबिता देवी थे।
बेरमो जिला बनाओ संघर्ष समिति के बैनर तले तेनुघाट अधिवक्ता संघ भवन में बेरमो अनुमंडल के 50वां वर्ष पूर्ण होने पर स्वर्ण जयंती के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर अधिवक्ता संघ भवन में सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत तेनुघाट तथा चांपी पंचायत के आदिवासी छात्र छात्राओं द्वारा पारम्परिक बेस – भूषा में सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुति कर अतिथियों का स्वागत किया गया। इस मौके पर अधिवक्ता महुआ कारक ने संगीत प्रस्तुत कर अतिथियों का स्वागत की।
यहां बतौर मुख्य अतिथि गोमियां विधायक डॉक्टर लंबोदर महतो (MLA Dr Lambodar Mahto) ने कहा कि बेरमो अनुमंडल के 50 वर्ष पूर्ण होने के बावजूद आज तक जिला का दर्जा नही मिला, जबकि बेरमो अनुमंडल जिला बनने की पूर्ण आहर्ता रखता है। उन्होंने कहा कि 1972 में जब अनुमंडल का गठन हुआ था उस समय बेरमो अनुमंडल की आबादी 10 से 11 लाख था।
अब यहां की आबादी लगभग 15 से 17 लाख होने के बावजूद भी जिला का दर्जा प्राप्त नहीं हो पाया है। यहां पर खनिज संपदा की प्रचूरता तथा कई थर्मल पावर स्टेशन एवं एशिया महादेश का सबसे बड़ा मिट्टी का बांध है।
तेनुघाट डैम एशिया महादेश में दूसरे स्थान रखने वाला, बारूद फैक्ट्री तथा कई सीसीएल के खदान तथा करखाने व् अन्य सुविधाओं से लैस अनुमंडल को उपेक्षित नजरों से देखा जा रहा है। जिसके कारण अबतक इसे जिला नहीं बनना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वे सड़क से लेकर सदन तक आवाज उठाने का काम करेंगे।
लगातार जब से मैं विधायक बना हूं तब से विधानसभा में कई बार जिला बनाने को लेकर आवाज उठाता रहा हूं। अब संघर्ष को तेज करने की आवश्यकता है। जन आंदोलन की तैयारी कर इसे जिला का दर्जा के लिए लड़ाई लड़कर लेने की आवश्यकता आ पड़ी है, इसलिए सभी का सहयोग की जरूरत है।
विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक छत्रु राम महतो ने कहा कि 1972 में बेरमो अनुमंडल तो जब अनुमंडल का दर्जा प्राप्त हो रहा था उस समय उन्होंने तब के यहां के सांसद व् तब के केंद्रीय मंत्री बिंदेश्वरी दुबे से हमने कहा था। काफी आग्रह के बाद तेनुघाट में बेरमो अनुमंडल को स्थापित किया गया।
तेनुघाट में अनुमंडल नहीं होने से विभिन्न समस्याओं को और कारणों को भी उन्होंने गिनाया और काफी समझाने के बाद बेरमो अनुमंडल को मुख्यालय तेनुघाट लाया गया था। उन्होंने बताया कि तेनुघाट डैम बनने से पूर्व भी कई तरह का निरीक्षण के बावजूद तेनुघाट डैम को काटकर फरुक्का ले जाया जा रहा था।
मेरे द्वारा अथक प्रयास कर तेनुघाट डैम को बनवाने की विनती और विधानसभा में आवाज उठाया गया। उस समय तत्कालीन सांसद रामदास सिंह हुआ करते थे। उनसे भी हमने आग्रह किया और लोकसभा में आवाज उठाया गया।
तब जा कर तेनुघाट में डैम का निर्माण हुआ। उन्होंने कहा कि इच्छाशक्ति के अभाव में अबतक इसे जिला नहीं बनाया गया। अब इसके लिए कड़े संघर्ष की जरूरत है। उन्होंने इसके लिए बेरमो जिला बनाओ संघर्ष समिति के सचिव संतोष नायक के प्रयासों की भूरी भूरी सराहना की।
कार्यक्रम में जिला परिषद सदस्य डॉ सुरेंद्र राज, प्रह्लाद महतो, वरिष्ठ अधिवक्ता मंटू कुमार डे, राकेश वर्मा आदि ने भी सभा को संबोधित किया। समिति के सचिव संतोष कुमार नायक ने भी अपने संबोधन में कहा कि बेरमो जिला बनाओ संघर्ष समिति के बैनर तले हम सभी को एक मंच पर आकर दलगत भावनाओं से उठकर जिला बनाने के अभियान में तेजी लाना ही समिति का उद्देश्य है।
सबको मिलकर इसका निर्वाहन करना अति आवश्यक है। तब जाकर जिला का दर्जा प्राप्त हो सकता है। स्वागत भाषण अधिवक्ता संघ के महासचिव वकील प्रसाद महतो, धन्यवाद ज्ञापन संघ के अध्यक्ष कामेश्वर मिश्रा और मंच संचालन हरि शंकर प्रसाद ने किया। समिति द्वारा यहां उपस्थित मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि तथा अन्य अतिथियों को शॉल भेंटकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर उपरोक्त के अलावा जिप सदस्य माला कुमारी, गोमियां प्रखंड प्रमुख परिमल चोड़े, मुखिया नीलम श्रीवास्तव, पालीहारी गुरुडिह पंचायत की मुखिया सपना कुमारी, चरगी मुखिया वानी कुमारी मुर्मू, अरजूआ मुखिया उर्मिला देवी, आदि।
वरीय अधिवक्ता एस एन डे, अजीत कुमार पांडेय, सुशीला देवी, रंजू कुमारी, रूपा देवी, संगीता देवी, आशा देवी सहित कई जनप्रतिनिधि, गणमान्य, अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी एवं सदस्यगण उपस्थित थे।
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