प्रहरी संवाददाता/तेनुघाट (बोकारो)। किसान मंच द्वारा 9 मई को झंडा मैदान गिरिडीह में देश के वीर सपूत महाराणा प्रताप की 484वीं जयंती मनाया गया।
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि अरुण सिंह एवं विशिष्ट अतिथि सरोज सिंह ने महाराणा प्रताप के चित्र पर पुष्प अर्पित कर एवं महाराणा प्रताप के जयकारों से जयंती समारोह कार्यक्रम का शुरुआत किया।
महाराणा प्रताप के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए किसान मंच के अध्यक्ष व् अधिवक्ता अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप ने अपनी प्रजा के सुख शांति के लिए जंगल में रहकर घास की रोटी खाया पर मुगलों की गुलामी को स्वीकार नहीं किया।
उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप अपनी प्रजा पर नहीं बल्कि प्रजा के दिलों पर राज करते थे। आदमी तो आदमी जानवर भी उनके दीवाने थे। इतिहास के पन्नों में आज भी महाराणा प्रताप के दीवानों में व्यापारी भामाशाह और घोड़ा चेतक का नाम बड़े सम्मान के साथ दर्ज है।
महाराणा प्रताप जयंती समारोह मनाने के बाद किसान मंच का रजिस्ट्रेशन कराने हेतु निर्णय लेने के लिए मंच के पदाधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में देव चंद्र यादव ने किसान मंच को राजनैतिक दल के रूप में पंजीकृत कराने का प्रस्ताव दिया। जिसे सभी गणमान्य जनों ने सर्वसम्मति से पारित किया और आगामी 16 मई को संस्थापक सदस्यों की सूची तैयार करने हेतू बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया।
किसान मंच के पदाधिकारियों की बैठक में किसान मंच के अध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह, उपाध्यक्ष श्यामू बास्के, सचिव विजय कुमार, तिसरी अंचल अध्यक्ष दासो मुर्मू, देवरी अंचल अध्यक्ष अन्ना मुर्मू, बेंगाबाद अंचल अध्यक्ष नबी अंसारी, आदि।
गिरिडीह अंचल अध्यक्ष हदीश अंसारी, पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष जोगेश्वर ठाकुर, मो. मुमताज, संचित कुमार, खुशबू देवी, बैजून मुर्मू, महादेव विश्वकर्मा, ब्रम्हदेव राय, अब्दुल अंसारी, बेबी देवी सहित किसान मंच के अधिकांश पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
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