दलित, शोषित व दबे-कुचलों के आवाज थे शहीद कैलाश-योगेंद्र
प्रहरी संवाददाता/कसमार (बोकारो)। झारखंड अलग राज्य यहां के शहीदों की देन है। जिसमें प्रमुख रूप से झामुमो की अहम भूमिका रही है।
झारखंड आंदोलनकारियों में शहीद कैलाश रजवार की भी महत्वपूर्ण योगदान रही है। जिसे कभी भुलाया नही जा सकता। उक्त बातें झारखंड पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष सह गोमियां के पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद महतो ने 11 सितंबर को कही।
वे बोकारो जिला के हद में कसमार बाजार टांड में झामुमो कसमार प्रखंड समिति की ओर से आयोजित शहीद कैलाश रजवार के 44वां शहादत दिवस पर आयोजित सभा में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
पूर्व विधायक ने कहा कि शहीद कैलाश की लड़ाई केवल महाजनी प्रथा के खिलाफ ही नहीं थी, बल्कि वे शोषित, वंचित व दबे-कुचलों का भी आवाज़ थे। महतो ने झारखंड की हेमंत सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने हरेक घर- परिवार के लिए योजनाओं की सौगात दी है। इन जनहित योजनाओं से कोई भी कोई अछूता नहीं है। सभी लाभान्वित हो रहे हैं।
झामुमो बोकारो जिलाध्यक्ष हरिलाल मांझी ने कहा कि जिन्होंने राज्य के लिए लड़ाई लड़ी, वही राज्य के दर्द को समझेंगे। झारखंड सरकार सभी आंदोलनकारियों के परिजनों को उचित मान सम्मान दे रही है। उन्होंने कहा कि झामुमो की सरकार झारखंडी हित में कार्य रही है। लेकिन 17 वर्षों से सत्तासीन होकर मलाई खाने वाले विपक्ष को पच नहीं रहा है।
वे हमेशा षड्यंत्र रचकर सरकार को अस्थिर करने में लगे है।
कार्यक्रम को झामुमो जिला कोषाध्यक्ष व् जिप सदस्य अशोक मुर्मू, उपाध्यक्ष मनोहर मुर्मू, प्रमुख नियोति कुमारी, पंकज मरांडी, कृष्णा महतो, शेरे आलम, सुरेन्द्र नाथ महतो, हरेंद्र महतो समेत कई नेताओं ने भी संबोधित किया।
मौके पर शहीद कैलाश रजवार की विधवा नुनीबाला देवी, पुत्र सिकंदर कपरदार, पुत्री, दामाद व पुत्रवधू के अलावे महिला मोर्चा की पिंकी देवी, प्रिया देवी, बसंती देवी, शक्ति महतो, मिथलेश जयसवाल, मिथलेश महतो, इरफान अंसारी, नवीन जयसवाल, जगेश्वर महतो, द्वारिका महतो, रमेश वर्मा, धनंजय स्वर्णकार, संजय प्रजापति, कुलदीप करमाली, बिनोद बिहारी महतो, शास्त्री मुर्मू आदि उपस्थित थे।
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