बोकना सत्संग विहार में ठाकुर अनुकूल चंद जन्मोत्सव में जुटे 4 हजार सत्संगी

बोकना सत्संग विहार में ठाकुर अनुकूल चंद का 135वां जन्मोत्सव मनाया गया

ठाकुर अनुकूल चंद्र के भाव को घर-घर में पहुंचना जरूरी-राजेश खण्डेलवाल

सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में स्थित बोकना सत्संग विहार में 22 जनवरी को श्रीश्री ठाकुर अनुकूल चंद के जन्मोत्सव पर बड़ी संख्या में श्रद्धालू जुटे। इस अवसर पर यहां 4 हजार से अधिक सत्संगियों को एकजुट देखा गया।

इस अवसर पर बोकना में सत्संगियों के आगमन एवं एकजुट होने से सबो में काफी हर्ष देखा गया। इस अवसर पर दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया। चेतना शक्ति बढ़ाने, परमात्मा से सीधा संपर्क करने का ज्ञान दिया गया।

दीक्षा समारोह के बाद सभी श्रद्धालु भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया।उपस्थित सैकड़ो श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए सत्संगी प्रति ऋत्विक सह मुख्य प्रवक्ता राजेश खण्डेलवाल ने कहा कि ठाकुर अनुकूल चंद्र के भाव को घर-घर में पहुंचना जरूरी है।

उनके भाव के अनुसार ही घर घर में भगवान श्रीराम के अच्छे विचारो की स्थापना करनी होगी तथा रावण रूपी अधर्म के विचार का नाश करना होगा। उन्होंने कहा कि ईश्वर के आदेश का पालन करने वाला एवं जन कल्याण के कार्य करने वाला व्यक्ति सदैव ईश्वर से जुड़ा हुआ होता है।

खंडेलवाल ने कहा कि मनुष्य को मानव शरीर बहुत ही सौभाग्य से प्राप्त हुआ है। अतः मानव को जन कल्याण के कार्य करनी चाहिए।  मौके पर बोकना विहार मंदिर को सुसज्जित करने पर विचार रखे गए।ऋत्विक अमरनाथ ठाकुर ने कहा कि अदम्य उत्साह से काम करे। भावना के अनुसार श्रीराम ने सबको मानव दर्शन रुपी जीवन प्रदान किए है। अतः वे जीवन नाथ के लिए अनुकारणीय है।

उन्होंने कहा कि व्यवहार परिवर्तन से मनुष्य का भाव बदल सकता है। ईश्वर का नाम प्राप्ति मानव को करने के लिए ठाकुर जी पृथ्वी पर आए है। सत्संगी कपिलेश्वर दोगों ने मनुष्य का गंतव्य ईश्वर प्राप्ति व सत्संगी यजन एवं याजन का महत्व बताते हुए उसे अनुकरण करने के लिए प्रेरित किया।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिलाओं की उपस्थिति में कार्यक्रम में चार चाँद लग गया। महिलाओं ने ठाकुर अनुकुलकन्द के जीवन पर प्रकाश डाले तथा मंदिर के विकास में सहयोग का आश्वासन दिया। कार्यक्रम में 4000 सतसंगियों ने प्रभु का भोग प्रसाद ग्रहण किया।

मौके पर बड़ाजामदा, नोवामुन्डी, जमशेदपुर, देवघर, राउरकेला (उड़ीसा) व अन्य स्थानों के श्रद्धालू गण उपस्थित थे। प्रातः काल में ठाकुर की पालकी यात्रा निकाली गई। सत्संग कर उन्हें श्रद्धालुओं ने याद किया। उल्लेखनीय है कि आयोजित धर्म सभा में श्रद्धालुओं के मन में पूरी श्रद्धा एवं झुकाव देखा गया।

देवघर से आए प्रमुख वक्ता राजेश खंडेलवाल के विचारों से लोगों में काफी बदलाव देखा गया। मानव में मानवीय गुणों से परिपूर्ण करने से जुड़े उनके द्वारा दिए गए विचार ने रहिवासियों को भावविभोर कर दिया। संध्याकालीन संवेद प्रार्थना में भी स्थानीय बड़ाजामदा के दर्जनों रहिवासियों ने सत्संग विहार मंदिर में माथा टेका एवं ठाकुर अनुकूल चंद्र से प्रार्थना कर जन कल्याण की कामना की।

राजगंगपुर (राउरकेला) से आए सत्संगी प्रहलाद चंद्र विश्वाल के भजन एवं कीर्तन से सत्संगी नाच उठे। बिसरा राउरकेला के प्रदीप साहू ने भी अपने भजन अमृत से रहिवासियों को भावविभोर कर दिया। बड़बिल के अरुण कुमार प्रसाद ने अतिथियों का पूरे दिल से स्वागत किया। कार्यक्रम में रामचन्द्र दास, मनमोहन चौबे, मनोहर पुथाल, इन्द्रजीत गोप, रुपेश जयसवाल व अन्य का सराहनीय सहयोग रहा।

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