डीएवी गुवा में मनाया गया विद्यालय का 32वां स्थापना दिवस समारोह

संगठन एवं राष्ट्र निर्माण में डीएवी संस्था का अभिन्न योगदान-अनन्त कुमार उपाध्याय

सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में डीएवी पब्लिक स्कूल गुवा का 32वां स्थापना दिवस समारोह 25 जुलाई को मनाया गया। समारोह डीएवी झारखड ए जोन के सहायक रीजनल ऑफिसर ओपी मिश्रा एवं डीएवी पब्लिक स्कूल गुवा के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार के मागदर्शन में मनाई गई।

कार्यक्रम की शुरुआत स्कूल के वरीय गणित शिक्षक अनन्त कुमार उपाध्याय ने साथ शिक्षक -शिक्षिकाओ द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

कार्यक्रम मे प्रस्तुत विघालय के वर्गीकृत चार सदनों के बच्चों द्वारा प्रस्तुत उडीया व राजस्थानी कालबेलिया डांस बहुत ही आकर्षक एवं सराहनीय रहा। सभी शिक्षकों के द्वारा डीएवी गुवा की नींव रखने वाले महर्षि नारायण दास ग्रोवर के चित्र को नमन कर पुष्प अर्पित किया गया। इस अवसर पर विद्यालय परिसर के अंदर स्थापित स्वामी दयानंद की भव्य प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित करते हुए शिक्षकों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ स्वामी दयानंद का जयकारा लगाया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरीय गणित शिक्षक अनन्त कुमार उपाध्याय ने कहा कि सशक्त भारत बनाने में बच्चों का अभिन्न योगदान है। उन्होंने कहा कि विद्यालय निरंतर बच्चों को अच्छी शिक्षा देते हुए राष्ट्र को समर्पित कर रही है।

अच्छे शिक्षकों एवं सेल प्रबंधन के सहयोग से गुआ जैसे छोटे जगह में संचालित विद्यालय किसी बड़ी शहर के विद्यालय से कम नहीं है। विद्यालय के बीज को महर्षि नारायण दास ग्रोवर गुवा में आकर 1992 में लगाई गई थी। जो वर्तमान में एक वट वृक्ष का रूप लेता हुआ राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाता जा रहा है।

धर्म शिक्षक आशुतोष शास्त्री ने कहा कि 1992 में स्थापना के बाद से विधालय निरंतर विकास की ओर अग्रसर है। न्यूनतम बच्चों से स्थापित विद्यालय बेहतर शिक्षण के कारण निरंतर अभिभावकों के बीच अपनी पहचान छोड़ता जा रहा है। सेल गुआ प्रबंधन के सहयोग से विद्यालय दिन दूनी – रात चौगुनी आगे बढ़ता जा रहा है।

कहा कि वर्तमान में डीएवी गुवा से ज्ञान प्राप्त कर चुके पूर्व के बच्चों ने विद्यालय की कीर्ति देश – विदेश में बनाई है। विद्यालय के छात्र यहां से कक्षा दशम उतीर्ण करने के बाद आगे की पढ़ाई कर सिंगापुर, मलेशिया, दिल्ली,कोलकाता, नई दिल्ली के उत्कृष्ट संस्थानों में अपनी सेवा दे रहे हैं।

स्कूल के वरीय इतिहास शिक्षक पीके आचार्या ने कहा कि विद्यालय का सबसे बड़ा गौरव इस क्षेत्र के आदिवासी बच्चे हैं। जिनका सर्वांगीण विकास इस विद्यालय के माध्यम से हो रहा है। कार्यक्रम के समायोजन एवं आयोजन में सभी स्कूली शिक्षकों का अग्रणी योगदान रहा। रंगारंग कार्यक्रमों के निर्देशन एवं बच्चों के कार्यक्रम मंचन में स्कूल की शिक्षिकाओं की बढ़-चढ़कर भागीदारी कार्यक्रम के शुरू से अंत तक बनी रही।

डीएवी पब्लिक स्कूल झारखंड ए जोन के रीजनल ऑफिसर्स ओपी मिश्रा ने बच्चों को शुभकामना व बधाई संदेश दी। बच्चों की सफलता परीक्षा के नंबर से नहीं आका जा सकता।

डीएवी पब्लिक स्कूल झारखंड ए जोन के रीजनल ऑफिसर्स ओपी मिश्रा ने कहा कि यहां कुछ न कुछ नया देखने को मिलता है। बच्चों की सफलता परीक्षा के नंबर से नहीं आका जा सकता। अभिभावकों को उम्मीद से कम नंबर मिलने के बावजूद भी बच्चों को कठिन परिश्रम व मनोबल बढ़ाने के लिए उन्होंने अपील की।

उन्होंने बच्चों को तीन घंटे स्वाध्याय व रूटिंग के अनुसार अध्ययन करने के लिए प्रेरित किया। महर्षि नारायण दास ग्रोवर के उत्कृष्ट कार्यों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि महर्षि ग्रोवर दिल्ली मे मिले उच्च पद व सम्मान को त्याग कर बिहार, झारखंड एवं उड़ीसा के पिछड़े अदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा का दीपक जलाने के लिए प्रतिबद्ध थे।

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