वैशाली के 2110 सरकारी विद्यालयों के निरीक्षण का 301 पदाधिकारियों को दायित्व

गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर में स्थित शिक्षा भवन में जिले के विद्यालयों के निरीक्षण के लिए नियुक्त किए गए अधिकारियों के लिए उन्मुखीकरण कार्यक्रम उप विकास आयुक्त वैशाली की अध्यक्षता में 7 सितंबर को आयोजित किया गया।

विदित हो कि वैशाली जिला के सभी 2110 सरकारी विद्यालयों का निरीक्षण करने के लिए 301 पदाधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। 301 में 138 पदाधिकारी जिला प्रशासन अथवा अन्य विभागों से हैं, जबकि 163 शिक्षा विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मी हैं।

उन्मुखीकरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप विकास आयुक्त शम्स जावेद अंसारी ने विद्यालयों का सकारात्मक निरीक्षण करने और विद्यालय के माहौल को आनंददायी बनाने का आह्वान किया। उन्होंने उपस्थित पदाधिकारियों से निरीक्षण कार्य को प्रभावी बनाने के लिए अनेक तरह के टिप्स दिए।

उन्होंने कहा कि जबतक निरीक्षण कर्ता को विद्यालय के बच्चे पहचानने नहीं लगे, तबतक निरीक्षण को प्रभावी नहीं माना जा सकता है। सरकार द्वारा विद्यालयों के बच्चों को दी जा रही विभिन्न योजनाओं पर भी उन्होंने संक्षिप्त रूप में प्रकाश डाला।

शिक्षकों, बच्चों और उनके अभिभावकों से बात कर विद्यालय का बेहतर माहौल बनाने के लिए प्रत्येक सप्ताह कम से कम एक बार आवंटित विद्यालयों का निरीक्षण करने का आदेश डीडीसी ने उपस्थित पदाधिकारियों को दिया।

इससे पूर्व शिक्षा विभाग के एडीपीसी डॉ उदय कुमार उज्ज्वल ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विद्यालयों का निरीक्षण कैसे करना है और विद्यालयों में किन किन अवयवो को देखना है। इसके बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने विद्यालय का निरीक्षण कर विद्यालयों के ढांचागत सुधार से लेकर पठन पाठन के विविध रूपों पर जानकारी दी। साथ हीं बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों में परस्पर सहयोग के तरीको की जानकारी दी। निरीक्षण प्रपत्र पर संपूर्ण जानकारी दी।

विद्यालय के निरीक्षण पंजी पर विद्यालय के सुधार हेतु किए जाने वाले कार्य को दर्ज करने और उसका अनुपालन सुनिश्चित कराने के तौर तरीकों के बारे में बताया। डॉ उदय ने आह्वान किया कि विद्यालयों का निरीक्षण एक पदाधिकारी के जगह एक प्रबंधक के तौर पर किया जाए।

कमियों को उजागर करने के बजाए, उनका समाधान कराया जाय। यहां जिला शिक्षा पदाधिकारी बीरेंद्र नारायण द्वारा अपने अनुभवों को साझा किया गया। निरीक्षण में आनेवाली कठिनाइयों एवं उसके निराकरण के बारे में जानकारी दी गई।

उन्होंने कहा कि निरीक्षण के पश्चात प्रतिवेदन उसी दिन ई-शिक्षा कोश पर अपलोड करने के लिए पीडीएफ बना कर संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को उपलब्ध करा दिया जाए। अपने अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने भी निरीक्षण का मतलब सुधार करना बताया।

उन्होंने कहा की निरीक्षण सदैव होता रहा है और होता रहेगा, लेकिन हमे अगर बच्चों के भविष्य निर्माता संगठन विद्यालय को सुधारने का जिम्मा मिला है तो उसे पूरी मुस्तैदी से पूरा करें। अंत में कार्यक्रम का समापन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कुमार शशि रंजन एवं संतोष कुमार द्वारा धन्यवाद ज्ञापन कर किया गया।

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