कुर्ला स्टेशन पर एक साल में 236 रेल यात्रियों ने गवांई जान !

लावारिस 59 रेल यात्रियों की शिनाख्त में कुर्ला जीआरपी

मुश्ताक खान/मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी महानगर मुंबई की लाइफ लाईन कहलाने वाली लोकल ट्रेन यात्रियों के सफर को जितनी सुगम बनता है, उससे अधिक खतरनाक है। आंकड़ों के मुताबिक कुर्ला लोकल रेलवे स्टेशन परिसर में वर्ष 2024 में मध्य रेलवे की चपेत में आने से 236 यात्रियों की मौत हो गई। यह आंकड़ा 1जनवरी से 31 दिसंबर 2024 तक का है  इस दौरान घायलों की संख्या भी लगभग इतनी ही होगी। बहरहाल लोकल ट्रेन से यात्रा के दौरान मरने वाले 236 रेल यात्रियों में से 177 यात्रियों की शिनाख्त हुई बाकि के 59 यात्रियों की पहचान नहीं हो सकी। बता दें कि 177 में से 161 पुरुष और 16 महिला रेल यात्री थे जबकि लावारिस 59 रेल यात्रियों में 54 पुरुष और 5 महिलाओं का समावेश है। लोकल रेल यात्रा के दौरान विभिन्न हादसों में जान गवांने वालों में अधिकांश 19 वर्षों से अधिक के व्यस्क ही थे। यह आंकड़ा कुर्ला जीआरपी से मिला है।

गौरतलब है कि कुर्ला जीआरपी (राजकीय रेलवे पुलिस) से मिली जानकारी के अनुसार औसतन प्रति माह 20 रेल यात्रियों की रेल हादसों में मौत हो जाती है। जबकि मामूली घायल होने वालों की तादाद इससे अधिक होती है। बता दें कि मध्य रेलवे की सबसे व्यस्त लोकल रेलवे स्टेशनों में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल (वी टी), दादर, कुर्ला, घाटकोपर, ठाणे आदि रेलवे स्टेशनों का समावेश है। कुर्ला जीआरपी के वरिष्ठ पुलिस निरिक्षक शम्भाजी यादव के अनुसार इस वर्ष
1जनवरी से 31 दिसंबर 2024 तक लोकल ट्रेन हादसों की चपेत में आने से 236 रेल यात्रियों ने अपनी जान गवांई है। इनमें से 177 यात्रियों की शिनाख्त हुई बाकि 59 लावारिस यात्रियों की पहचान नहीं हो सकी। हालांकि हमारी टीम ने 59 मृतकों की शिनाख्त के लिए भरपूर प्रयास किया। ताकि उन मृतकों के परिजनों तक पहुंचा जा सके।

लेकिन हमारी टीम को कामयाबी नहीं मिल सकी। एक सवाल के जवाब में वरिष्ठ पुलिस निरिक्षक यादव ने बताया कि उनकी टीम में एपीआई सूभाष राठोड, एएसआई अहमद अली सैयद, डब्लू पी एस आई वैशाली जरे, हवलदार संदीप साके और किरण डोकरे आदि हैं। यानि हमारी टीम अपने स्टेशन परिसर और क्षेत्र में मुश्तैद रहती है। ताकि किसी भी रेल यात्री या हादसों में शिकार होने वालों को जल्द से जल्द उपचार आदि दिया जा सके।

कुर्ला जीआरपी के वरिष्ठ पुलिस निरिक्षक यादव का मानना है कि मुंबई की लाइफ लाईन कहलाने वाली लोकल ट्रेनें मुंबईकरों के लिए एक तरफ वरदान साबित हो रही है। लेकिन दूसरी तरफ मौत का करण भी बनती है। उन्होंने रेल यात्रियों से अपील किया है कि जल्द बाजी में चलती लोकल ट्रेन में चढ़ना उतरना बेहद खरनाक है। यादव ने रेल यात्रियों से यह भी अपील किया है कि रेल पटरी पार करना अपराध की श्रेणी में आता है। इसलिए अपनी जान जोखिम में डाल कर रेलवे पटरी पार करना ठीक नहीं। उन्होंने रेल यात्रियों को सलाह दी है कि अनजान वस्तुओं की जानकारी नजदीकी पुलिस स्टेशन या किसी भी पुलिसकर्मी को दें, ताकि अन्होनी को टाला जा सके।

Tegs: #236-railway-passengers-lost-their-lives-at-kurla-station

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