संतोष कुमार/वैशाली (बिहार)। वैज्ञानिक सलाहकार समिति की 20वीं बैठक का आयोजन 10 दिसंबर को कृषि विज्ञान केंद्र वैशाली के सभागार में आयोजित किया गया।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा, समस्तीपुर के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ एम एस कुंडू ने केंद्र के सभी वैज्ञानिकों को वैशाली जिले के कृषकों को वैज्ञानिक विधि से करने हेतु आवश्यक प्रशिक्षण देने हेतु आवश्यक सुझाव दिया।
बैठक में बोरलॉग इंस्टिट्यूट ऑफ साउथ एशिया के पूसा केंद्र के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ राज कुमार जाट ने वैशाली जिले (Vaishali district) में जलवायु अनुकूल कार्यक्रम के अंतर्गत केंद्र के द्वारा किये जा रहे कार्य की सराहना की।
पूसा से आये प्रसार शिक्षा उप निदेशक डॉ पुष्पा कुमारी ने मधुमक्खी के क्षेत्र में जिले में उधमिता विकसित करने हेतु आवश्यक सुझाव दिया। केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान पटना से आये वैज्ञानिक डॉ शम्भू ने वैशाली जिले के कृषकों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। साथ ही केंद्र के द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की।
केला रेशा उद्यमी वैशाली प्रिया ने केला रेशा निष्कर्षण से कचरा प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने वैज्ञानिकों के द्वारा तकनीकी सहयोग के कार्य को सराहा। वैशाली प्रिया ने सिलाई के क्षेत्र में प्रशिक्षण हेतु सुझाव दिया।
पिंकी देवी महिला कृषक ने वैशाली जिले में मार्केटिंग के लिए लिंकेज की कमी की समस्या से बैठक में उपस्थित सदस्यों को अवगत कराया। प्रवीण मिश्रा, सहायक प्रबंधक इफको के द्वारा जिले के कृषक प्रक्षेत्र एवं केंद्र के प्रक्षेत्र में तरल नैनो फर्टीलाइजर के प्रयोग कृषकों को करने हेतु आवश्यक सुझाव दिए।
यूपीएल (UPL) के क्षेत्रीय प्रबंधक कौशलेश कुशवाहा द्वारा जिले में पशुपालन के क्षेत्र में आवश्यक प्रशिक्षण केंद्र में दिए जाने के लिए सुझाव। वैशाली जिले में कार्यरत संस्था वर्ल्ड विज़न के सदस्यों द्वारा जिले में दलहन के क्षेत्र में कार्य हेतु आवश्यक कदम उठाने हेतु आग्रह किया।
जिला मत्स्य पदाधिकारी ने जलमग्न मिट्टी में मत्स्य पालन के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम से बैठक में उपस्थित सदस्यों को अवगत कराया। रुडसेट हाजीपुर के निदेशक संजीत कुमार ने केंद्र के द्वारा उधमिता के क्षेत्र में किये गए प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना किये।
जिला कृषि पदाधिकारी, वैशाली ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के द्वारा शराबबंदी को खत्म नई तकनीकी को अपनाने हेतु ड्रोन टेक्नोलॉजी, आर्गेनिक इनपुट, बैटरी ऑपरेटेड यंत्रों की उपयोगिता पर चर्चा किया।
सहायक निदेशक उद्यान ने सूक्ष्म सिंचाई के क्षेत्र में विश्वविद्यालय एवं विभाग के समन्वय के द्वारा कार्य करने हेतु सुझाव दिया। साथ ही बिहार सरकार के द्वारा खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में मधु उत्पादन के लिए चलाए जा रहे योजनाओं से अवगत कराया।
सहायक निदेशक उद्यान ने केंद्र के गोरौल प्रक्षेत्र में आधा एकड़ भूमि में सेव खेती का मॉडल एवं सूक्ष्म सिंचाई का मॉडल स्थापित करने हेतु सुझाव दिया। उप परियोजना निदेशक आत्मा, वैशाली ने आर्गेनिक उत्पाद को बेचने हेतु एक स्टाल खोलने हेतु सुझाव दिया।
साथ ही कृषक उत्पादन संगठन को गठित कर उसे सहयोग करने हेतु सुझाव दिया। इसके अलावा उन्होंने नर्सरी के क्षेत्र में उचित कार्य करने हेतु सुझाव दिया।
इस मौके पर केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ सुनीता कुशवाह के द्वारा कृषि के क्षेत्र में उच्च बीज उत्पादन, कृषि विज्ञान पोर्टल जिले के रैंकिग एवं कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यक्रम से समिति के सदस्यों को अवगत कराया।
बैठक में उपरोक्त के अलावा केंद्र के वैज्ञानिक डॉ सुनीता कुमारी, वर्षा कुमारी, प्रेम प्रकाश गौतम, कर्मी ऋचा श्रीवास्तव, संजीव कुमार, रवि कुमार, सोनू कुमार, रणधीर कुमार, नवनीत कुमार, रमाकांत कुमार, निरंजन कुमार, संतोष कुमार, दीपक कुमार, विकास कुमार शर्मा, कृषक रामवीर चौरसिया आदि मौजूद थे।
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