गणतंत्र दिवस, स्वाधीनता दिवस में परेड का हिस्सा बनते हैं यही छात्र
मुश्ताक खान/मुंबई। मौजूदा समय में बढ़ते सड़क हादसों के मद्देनजर मुंबई यातायात पुलिस द्वारा 12 से 20 दिसंबर तक सड़क सुरक्षा दल (आरएसपी) मनाया जा रहा है। इस कड़ी में शनिवार को पूर्वी उपनगर के ट्रांबे ट्रैफिक पुलिस (Trombay Traffic Police) द्वारा रैली व प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जवाहर विधा भवन के मैदान में आयोजित रैली में करीब 44 स्कूलों के 2004 छात्रों ने हिस्सा लिया।
इस आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि आरसीएफएल (RCFL) के निदेशक ए. के श्रीवास्तव, सीआईएसएफ के कमांडेंट दिपकमणी तिवारी, ट्रैफिक पुलिस के डीसीपी राजू भुजबल, एसीपी अभय धुरी और सीनियर इंस्पेक्टर सुनील रसाल के अलावा आरएसपी के संस्थापक स्व. ए. एच मुल्ला की धर्मपत्नी श्रीमती सुजाता मुल्ला मौजूद थीं।
1948 में हुई आरएसपी की स्थापना
ट्रांबे ट्रैफिक पुलिस के अनुसार लगातार बढ़ते हादसों के मद्देनजर 1948 में सड़क सुरक्षा दल (आरएसपी) की शुरुआत स्व. ए. एच मुल्ला ने की थी। इस अभियान को विशेष रूप से स्कूली छात्रों पर केंद्रित किया गया था। इसके लिए छात्रों को परिपक्व बनाने के लिए फिल्में भी दिखाई गई।
ताकि छात्र भी इस अभियान से जुड़ सकें। इस अभियान को स्कूलों से अच्छा प्रतिसाद मिला और छात्रों की भूमिका को सराहा गया। इस अभियान की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए फरवरी 1951 में, भरदा न्यू हाई स्कूल, फोर्ट मुंबई के युवकों के एक दस्ते का चयन किया गया। इतना ही नहीं उन्हें यातायात नियंत्रण में ठीक से प्रशिक्षित की गई। इस प्रकार, स्कूल सुरक्षा छात्र सैनिकों का काम 1957 में शुरू हुआ था।
ट्रैफिक पुलिस की भूमिका “प्रचार विंग”
गौरतलब है कि 1948 में यातायात नियंत्रण पुलिस विभाग ने सड़क सुरक्षा शिक्षा प्रदान करने के लिए एक “प्रचार विंग” की शुरूआत की। इसमें स्कूलों की सशख्त टीमों के आलावा आर्केस्ट्रा टीमों ने हिस्सा लिया। इस अभियान में निजी स्कूलों और नगर निगम के स्कूलों ने भी हिस्सा लिया है। स्वतंत्रता के बाद के युग में जनसंख्या में भारी वृद्धि और ग्रेटर मुंबई की सड़कों पर इसका प्रभाव दिखने लगा।
हाल के दिनों में औद्योगिक प्रगति के कारण मोटर वाहनों की संख्या में भरी वृद्धि हुई। इसे देखते हुए 2016 में सड़क सुरक्षा बल के आदर्श वाक्य “हमारा जीवन सेवा के लिए है” को ध्यान में रखते हुए छात्रों की टीम का नाम “रास्ता सुरक्षा दल” रखा गया, ऐसे में राज्य का हर छात्र सड़क सुरक्षा बल में शामिल है।
अभियान से जुड़े मनपा के 507 विद्यालय
बतादें कि आरएसपी के कुशल कार्यों को देकते हुए यातायात शाखा की शिक्षा विभाग के जरिए बृहन्मुंबई के कुल 507 विद्यालयों में सड़क सुरक्षा बल पाठ्यक्रम के लिए प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन प्रदान करने का कार्य चल पड़ा।
सड़क सुरक्षा बल को प्रशिक्षण देते समय, स्कूली छात्रों को ड्रिल के एक भाग के रूप में परेड के लिए निर्देशित और प्रशिक्षित किया जाता है, जिसका उद्देश्य उनमें अनुशासन और प्रतिस्पर्धा की भावना को जगाया जा सके।
उल्लेखनीय है की इस प्रतियोगिता में चयनित 4 टीमों के छात्र ही राजधानी दिल्ली और महाराष्ट्र राज्य में 26 जनवरी और 15 अगस्त के परेड का हिस्सा बनते हैं। चयनित छात्रों को गणतंत्र दिवस के परेड में भेजा जायेगा, जैसा कि पिछले दिनों चयनित छात्र अब भी भाग ले रहे हैं।
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