पीयूष पांडेय/बड़बिल (उड़ीसा)। क्योंझर जिला के हद में जोड़ा प्रखंड के 17 गोटी पंचायत के पंचायत स्तरीय संघ के अध्यक्ष एवं सचिव बाल संरक्षण पदाधिकारी के मनमाने कार्यों के खिलाफ 6 नवंबर से जोड़ा प्रखंड कार्यालय के समक्ष अनिश्चित काल के लिए धरने पर बैठ गये। धरना में सुकांति पान एवं ब्लॉक स्तरीय संघ अध्यक्ष हेमवती बारिक का भी उनको साथ मिला।
जानकारी के मुताबिक मिशन शक्ति के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि गर्भवती माताओं और शिशुओं के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली छतुआ, आंगनबाड़ी स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से वितरित की जाए। लेकिन बाल संरक्षण अधिकारी अपने निजी हितों को ध्यान में रखते हुए यह कार्य काफी समय से अपने रिश्तेदारों व स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से करा रही है। जिससे प्रखंड के हद में अन्य स्वयं सहायता समूह काम से वंचित हैं।
वक्ताओं द्वारा धरना के दौरान आरोप लगाया गया कि बार-बार इसकी शिकायत करने के बावजूद संबंधित पदाधिकारी महिला रिट्रीट लेवल यूनियन के कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार कर रही थी और उन्हें कार्यालय छोड़ने के लिए कह रही थी। इसके मुताबिक, जहां ब्लॉक स्तरीय एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष ब्लॉक परिसर में मिशन शक्ति कैफे का प्रबंधन कर रहे हैं, वहीं ब्लॉक स्तरीय अध्यक्ष पर रिट्रीट स्तर पर एमबीके और बैंक सहयोगियों की भर्ती में हेरफेर करने का आरोप लगाया गया है।
कहा गया कि इस संबंध में जिला परियोजना अधिकारी से भी शिकायत की गई है। जब इसका कोई परिणाम नहीं निकला, तो 17 पंचायत स्तरीय संघों के अध्यक्ष और सचिव द्वारा हस्ताक्षरित एक लिखित शिकायत बीते माह 18 अक्टूबर को ओड़िशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित लोक सेवा भवन, जोड़ा समूह विकास अधिकारी, जोड़ा पुलिस स्टेशन अधिकारी, बड़बील पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी। साथ हीं पदाधिकारी, बड़बिल एसडीपीओ, चंपुआ उप जिला कलेक्टर, केंदुझर जिला कलेक्टर को दिया गया है।
उक्त शिकायती पत्र में कहा गया है कि न हीं बाल संरक्षण अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ कार्रवाई की गयी, न हीं ब्लॉक स्तर के अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की गयी। कार्रवाई नहीं होने पर वे आंदोलन जैसे उग्र कदम उठाने को मजबूर हैं।
आंदोलनकारियों ने मीडिया को बताया कि विभागीय अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण आज उन्हें मजबूरन नीचे आना पड़ा। आंदोलनकारियों ने कहा कि अगर इन दोनों महिलाओं के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो वे आने वाले दिनों में आन्दोलन को और तेज करने से भी नहीं हिचकिचाएंगी।
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