राजेश कुमार/बोकारो थर्मल (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में बेरमो कोयलांचल के कोनार तट पर बसा लहरियाटांड़ गांव के रैयतों व विस्थापितों द्वारा विस्थापित प्रमाण-पत्र सहित अन्य मौलिक सुविधाओं की मांग को लेकर बीते 15 जुलाई से धरना शुरू किया गया है। 15 दिवसीय धरना के दूसरे दिन 16 जुलाई को रैयतों व विस्थापितों ने सीसीएल प्रबंधन को खूब खोरी खोटी सुनाई।
धरना आंदोलन में शामिल विस्थापितों ने एक स्वर में कहा कि वर्ष 1980 में हमारे पूर्वजों ने कोयला उत्खनन के लिए सीसीएल को जमीन दिया था। तब से आज तक उनके वंशजों को विस्थापित प्रमाण-पत्र नहीं दिया गया है।
बताया गया कि इसे लेकर विस्थापितों द्वारा सीसीएल कथारा क्षेत्र के गोबिंदपुर में कई बार आंदोलन भी किया गया, लेकिन प्रबंधन हमेशा कुटनीति करती रही है। इस बार प्रमाण-पत्र सहित मौलिक अधिकार लेकर हीं आंदोलन को समाप्त किया जायेगा।
उक्त आंदोलन में मुख्य रूप से रैयत विस्थापित मोर्चा लहरियाटांड अध्यक्ष चंद्रिका रजक, सचिव दुलेश्वर प्रजापति सहित अनिल रजक, आनद प्रजापति, प्रेमचंद रजक, महेश रजक, बिरसा रजक, खुशी प्रजापति, कृष्णा रजक, राजेश रजक, चोलाराम, राजकुमार प्रजापति, आदि।
घनश्याम रजक, बालगोविंद प्रजापति, खुशी प्रजापति, प्रेमचंद प्रजापति, कांति देवी, किरण देवी, कुमारी सीमा, अनिता देवी, बबिता देवी, गुलाबचंद प्रजापति, माणिक चन्द प्रजापति, रामेश्वर प्रसाद, आनद प्रजापति, प्रेमचंद रजक, महेश रजक, बिरसा रजक सहित कई गणमान्य शामिल है।
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