रक्तदान के लिये आगे आये मुंबईकर
प्रोटोकॉल का हवाला देकर अधिकारियों ने झाड़ा पल्ला
मुश्ताक खान
मुंबई। कोविड19 की महामारी से मुंबई, महाराष्ट्र सहित पूरी दुनियां बेहाल है। वहीं अब मुंबई सहित राज्य के प्रमुख शहरों के ब्लड बैंकों में रक्त की कमी होने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि इससे पहले आपात की स्थिति में मुंबईकरों ने बढ़ चढ़ कर रक्तदान किया था। इतना ही नही एक दूसरे को बचाने के लिए भाई चारे व एकता की मिसाल कायम की थी।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के पांव पसारने के दौरान केंद्र सरकार ने लॉक डाउन की घोषणा कर दी। इससे रक्त की खपत में कमी आई। लेकिन मौजूदा लॉक डाउन के दौरान रक्तदान शिविरों में भी काफी कमी देखी गई। जिसके करण विभिन्न रोगों के मरीजों के सामने रक्त जुटाना चुनौती बनती जा रही है। कोविड -19 का सेंटर बनी मुंबई के अधिकांश अस्पतालों में भी रक्त की कमी महसूस की जा रही है। जबकि कोविड-19 के मरीजों के एलाज में भी रक्त की जरूरत होती है। महामारी की इस घड़ी में सोशल डिस्टेंसिग के मद्देनजर महानगर मुंबई में रक्तदान शिविरों को स्थागित किया गया। मौजूदा हालात को देखते हुए विरार के यंग स्टार ट्रस्ट द्वारा 200 युनिट रक्त देने का लक्ष्य रखा गया है। बता दें कि इस ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष विधायक हितेंद्र ठाकुर हैं। उनकी अगुआई में 8 मई 2020 को 200 यूनिट रक्त मनपा द्वारा संचालित के ई एम हॉस्पिटल को दिया जाएगा। बताया जाता है कि कोविड-19 की महामारी से जूझ रही मुंबई को विरार के यंग स्टार ट्रस्ट ऐसे समय पर रक्त दे रहा है, जब लोग अपने अपने घरों में खुद को कैद कर रखा है। विरार के यंग स्टार ट्रस्ट द्वारा रक्त देने की बात अजीव पाटिल ने दी है। इसके लिए विशेष शिविर का आयोजन विरार में किया गया है।
रक्त की खपत में गिरावट
पिछले ढाई तीन महीनों से बिगड़ते हालात और कोविड-19 के मद्देनजर पूरा देश लॉक डाउन है। जिसके कारण सड़क हादसों का आंकड़ा शून्य हो गया है। लेकिन ऑपरेशन, डिलीवरी, ब्लड कैंसर आदि मरीजों के लिए रक्त की जरूरत पड़ती है। इसे देखते हुए मनपा के ब्लड बैंको में रक्त का होना बेहद जरूरी है।
मुंबई में रक्त की कमी के आसार
कोरोना संक्रमण के दौरान हो रही रक्त की कमी को पूरा करने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक एडवाजरी जारी की गई थी। एडवाइजरी में कहा गया था कि रक्तदान करने वालों को शोसल डिस्टेंसिग का पूरा ध्यान रखना होगा। यह निर्देश ब्लड बैंकों को भी दिया गया है। क्योंकि हाल के दिनों में शिविरों के आयोजनो में कमी आई है।
रक्त कमी के मुद्दे पर सरकारी अधिकारी प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए कुछ बताने के बजाए अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। रक्त की कमी का मामला करीब एक सप्ताह से गरमाया हुवा है। लेकिन कोई भी बोलने को तैयार नही है।
उल्लेखनीय है कि मुंबई के के ई एम ब्लड बैंक, नायर ब्लड बैंक, जे जे ब्लड बैंक, सायन हॉस्पिटल ब्लड बैंकों में रक्त की कमी के मुद्दे पर पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट की निदेशक डॉ. साधना तावड़े से उनके कार्यालय व मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने पहिने नहीं उठाया। इसी तरह सायन हॉस्पिटल के ब्लड बैंक से भी संपर्क करने की कोशिश की गई । लेकिन वह भी किसी ने फोन नहीं उठाया। वहीं अस्पताल सूत्रों ने दावा किया है कि अगर यही हालत रहे तो कोविड-19 के अलावा अन्य मरीजों को रक्त मुहैया कराना काफी मुश्किल होगा।
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