ठेकेदारों का सुस्त रवैया शरदनगर- इस्लामपुर को ले डुबेगा
मुंबईः मानसून शुरू होते ही मनपा के दावों कि पोल परत दर परत खुलने लगी है। महानगर मुंबई और उप नगरों के नला व गटरों कि साफ सफाई का डेड लाईन ३१ मई को समाप्त हो गया। इसके बावजूद शहर व उपनगरों के दर्जनों ऐसे गटर और नाले हैं, जहां अब भी कचरो का अंबार देखा जा सकता है। इनमें वाशीनाका के शारदनगर और इस्लामपुर का पर प्रमुख नाला भी है। यहां के ठेकेदार लूक बीजी डू नथिंग के तर्ज पर मालामाल हो रहे हैं। वहीं ठेकेदारों के सुस्त रवैये के कारण जनता बेहाल है। इस नाले की सुरक्षा दीवार का काम फरवरी २०१९ से चल रहा है। लेकिन अब भी अधूरा है।
गौरतलब है कि इस नाले को साफ करने के बजाए ठेकेदारो के लोग भी अपना कचरा इसी नाले में डालते हैं। जिसके कारण नाले में अब भी कचरा भर पड़ा है। बताया जाता है कि हल्की बारिश में भी यहां के नागरीक सहमें रहते हैं। क्योिंक हर साल बारिश का पानी इन नागरिको के घरों में घुस जाता है। जिसके चलते लोगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके बाद भी मनपा के आला अधिकारी अपनी पिठ थप थपाने से बाज नही आते। शंका जताई जा रही है कि घनी आबादी वाले इस इलाके का बरसाती पानी इसी नाले से होकर माहूल की खाड़ी में जाकर गिरता है।
ठेकेदारों का सुस्त रवैया : करीब एक दशक पूर्व वाशीनाका स्थित आरसी मार्ग पर मोनो रेल परियोजना और फ्री वे बनाने का काम शुरू हुआ था। उन्हीं दिनों ट्रैफिक जाम होने की समस्यआें को देखते हुए आरसी मार्ग पर कल्वर्ट बनाने का काम भी शुरू किया गया था। बता दें कि मोनो रेल परियोजना और फ्री वे बन कर तैयार हुआ और करीब चार साल पहले आम मुंबईकरों के लिए खोल दिया गया। लेकिन कल्वर्ट और वाशीनाका का प्रमुख नाले का काम अब भी अधर में लटका है। बताया जाता है कि कल्वर्ट और नाले के विस्तारीकरण में स्थानीय नागरीकों ने ठेकेदारों को भरपूर सहयोग दिया है। इसके बाद भी ठेकेदारों का सुस्त रवैया इस बार के बरसात में शरदनगर और इस्लामपुर को ले डुबेगा। मनपा द्वारा कल्वर्ट बनाने का ठेका न्यू इंडिया नामक कंपनी को दिया गया है। वहीं नाला बनाने का काम कोर्नाक इंजीनियरिंग कर रही है। जबकि रोड़ का काम लैंड मार्क काùर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था। लेकिन उसने यह काम आर बी इंफ्रा प्रोजेक्ट प्रइवेट लिमिटेड को दे दिया है।
ठेकेदारों से त्रस्त जनता : इस तरह तीन ठेकेदारों के भवंर में फंसी वाशीनाका की जनता के सब्र का बांध टुटता जा रहा है। ठेकेदारों को हर तरह से सहयोग करने के बाद भी अधुरा काम करने की वजह से लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ बेतरतीब काम होने की वजह से स्कूल जाने वाले के छात्रों और महिलाआें की समस्याएं बढ़ती जा रही है। यहां के समाजसेवकों का कहना है कि मनपा के नियमों से हट कर काम करने वाले ठेकेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए। इसके अलावा इनका बील रोककर इन्हें डंडित भी करना चाहिए।
ठेकेदारों में तालमेल की कमी : इस कड़ी में दिलचस्प बात यह है कि मौजूदा समय में वाशीनाका में चल रहे रोड़, कल्वर्ट और नाले के काम में लगे तीनों ठेकेदारों में आपसी तालमेल में बहुत कमी है। जिसके कारण काम में समय लग रहा है। यहां ठेकेदारों के सुपरवाईजर या इंजीनियरों से बात करने पर सभी अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं और एक दूसरे पर देर होने का ठिकरा फोड़ने में लगे हैं।
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