जेईएस का बढ़ा कद और दायरा

प्रवासी मजदूरों का मददगार बनी जेईएस -संतोष मंडल

मुश्ताक खान

रांची(झारखंड)। किसी ने सच ही कहा है कि लोग मिलते गए और कारवां बनता गया, कुछ ऐसी ही स्थिति मौजूदा समय में झारखंडी एकता संघ की है। वर्ष 2005 में मुंबई में रह रहे झारखंड के लोगों कि समस्याओं का समाधान कराने के लिए बना झारखंडी एकता संघ (जेईएस) का कद और दायरा और बढ़ा है। इसकी स्थापना मुंबई के वडाला में असलम अंसारी ने की थी। मौजूदा समय में जेईएस की शाखाएं झारखंड के अलावा महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे, सतार, नागपुर, तेलंगना, दिल्ली, बंगाल, गुहाटी आदि राज्यों में है। इन शहर व राज्यों में जेईएस की टीम सक्रिय रूप से काम कर रही है।
सामाजिक कार्यो के लिए बनाई गई जेईएस की मुख भूमिकाओं में राज्य से पलायन करने वालों को रोकना और बेसहार प्रवासी मजदूरों पर होने वाले अत्याचार पर अंकुश लगाना है। जेईएस की सफल भूमिकाओं में पंजाब में फसे 23 मजदूरों को मान सम्मान के साथ छोड़ना, मुंबई से खाड़ी विदेश में बेहतर नौकरी का लालच देकर 150 लोगों से ठगी का पर्दाफाश कर उन्हें न्याय दिलाना, केरल के बाढ़ में फसे झारखंड के लोगों की सहायता करना आदि का समावेश है। जेईएस की निस्वार्थ भूमिकाओं से प्रभावीत हो कर लोग इससे जुड़ते जा रहे हैं। मौजूदा समय में जेईएस के कार्यो व उसकी लोकप्रियता को देखते हुए देश के विभिन्न राज्यों में झारखंड से जुड़े आईपीएस, आईएएस, आईआरएस व अन्य ब्यूरोवेत्र्ट्स शामिल होते जा रहे हैं। इससे जेईएस का कद के साथ-साथ दायरा भी धीरे -धीरे बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण झारखंड से जुड़े लोगों की समस्याओं का समाधान करने में जेईएस की टीम मददगार साबित हो रही है। जेईएस एक ऐसी संस्था है जिसमे जात-पात और धर्म कोई मायने नहीं रखती, यहां सिर्फ और सिर्फ
मानवता ही धर्म है।
उल्लेखनीय है कि हाल के सामाजिक कार्यो से प्रभावित होकर झारखंड प्रदेश अध्यक्ष संतोष कुमार मंडल ने जेईएस के विस्तार पर और जोर दिया है। मजे की बात यह है कि जेईएस द्वारा सामाजिक कार्यो को योजनाबद्ध तरीके से किया जाता है। ताकि झारखंडवासियों को आधिक से आधिक लाभ हो और दूसरो को नुकसान भी न हो। इस मुद्दे पर जेईएस के प्रदेश अध्यक्ष संतोष कुमार मंडल ने बताया कि संगठन के कार्यो को संवैधानिक तरीके से प्रशासनिक सहयोग से किया जाता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ हमारा विशेष आभियान चल रहा है। इनमें बाल विवाह दहेज पर रोक लगाना, शिक्षा में जागरूकता लाना, दहेज प्रथा को बंद करना और नशा मुवित के खिलाफ आंदोलन करना शामिल है। इसके अलावा जेईएस सदस्यों के अलावा गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को इलाज में हर तरह की सहायता की जाती है।
ताजा वाकया 7 जुन 2019 को जेईएस का एक प्रतिनिधिमंडल प्रवासी मजदूरो के लिये लाल एवं ग्रीन कार्ड बनाने के संबंध में सरकारी आधिकारियों के साथ विशेष बैठक की। बैठक में पदाधिकारीयो ने अश्वासन दिया है कि प्रवासी मजदूरों को निराश नहीं किया जाएगा। प्रवासी झारखंडी मजदूरों की समस्याओं का निवारण करने के लिए हर साल मुंबई व पुणे मे सम्मेलन भी किया जाता है। जिसमे झारखंड व महाराष्ट्र के सांसद, विधायक, जन प्रतिनिधि व आधिकारी भाग लेते हैं और मार्ग दर्शन भी करते हैं। झारखंडी एकता संघ के प्रयास से मुंबई मे झारखंड भवन बनने का रास्त साफ हो चुका है।

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