इक्कीसवीं सदी में पानी की कमी किसी अभिशाप से कम नहीं

विजय कुमार साव/गोमियां (बोकारो)। इक्कीसवीं सदी में पानी की कमी दारीदाग रहिवासियों के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है। स्थानीय मुखिया जल्द पानी की पाइप लाइन बिछाने की बात कह रहे हैं।

गोमियां प्रखंड के हद में एक ऐसा गांव जिसकी प्रखंड मुख्यालय से दूरी मात्र तीन किलोमीटर है। इस गांव का नाम दारीदाग है। आज भी यहां के रहिवासी पीने के पानी के लिए अपने घर से तीन किलोमीटर दूर चुआ के पानी से प्यास बुझाते हैं। उसी पानी से खाना बनाते हैं। पानी लाने के लिए गांव की महिलाएं सुबह और दोपहर दोनों वक्त जाती है।

गांव की स्थिति देखते हुए मानो ऐसा लगता है कि विकास की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले सिर्फ छलावा करते हैं। इस गांव की सड़कें इतनी खराब है कि राहगीर पैदल चलने में भी गिर जाए।

इस गांव की ही युवती फुल कुमारी ने बताया कि इस गांव में दो चापाकल है, लेकिन कोई फायदा नहीं। बरसात में सिर्फ पानी गिरता है बाकी दिनों में नहीं। आज भी हम लोग चुआ के पानी से अपनी प्यास बुझाते है।

पंचायत के मुखिया रामवृक्ष मुर्मू ने कहा कि पाइपलाइन को लाने के लिए रेलवे के एनओसी की जरूरत थी। वह भी मिल चुका है। बरसात खत्म हो चुकी है। अब पाइप लाइन बिछाने का काम किया जाएगा।

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