कस्तूरबा श्रीविद्या निकेतन में वेद व्यास जयंती सह गुरु पूर्णिमा का आयोजन

एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में कस्तूरबा श्रीविद्या निकेतन ढोरी के वंदना सभागार में 22 जुलाई को वेद व्यास जयंती सह गुरु पूर्णिमा उत्सव हर्ष व उल्लास के साथ मनाई गयी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में विद्यालय के प्रधानाचार्य रण सुमन सिंह एवं विभा दीदी ने संयुक्त रूप से भारत माता व् महर्षि वेद व्यास के चित्र पर दीप प्रज्वलन व पुष्प अर्पित कर किया।

इस मौके पर प्रधानाचार्य ने छात्र छात्राओं को वेद व्यास जयन्ती की हार्दिक शुभकामनाएं दी। कहा कि महर्षि वेद व्यास इस जगत के प्रकांड विद्वान थे। उनका जन्म माता सत्यवती व पिता परासर मुनि के घर अषाढ पूर्णिमा के दिन हुआ था। इसलिए उनके जन्मदिन को गुरू पूर्णिमा उत्सव के रूप में मनाते हैं।

कहा कि महर्षि वेदव्यास ने वेदों को चार भागों में विभक्त किया और अठारह पुराणों की रचना की। महाभारत के रचययिता भी वही थे। उन्होंने कहा कि विद्या भारती अपने विद्यालयों में महापुरूषों की जयन्ती बड़े धूमधाम से मनाती है, ताकि महापुरूषों की अच्छाई भैया बहनों में समाविष्ट हो सके। इस जयन्ती का उद्येश्य भैया बहनो का सर्वागीण विकास करना है।

मौके पर आचार्य कुमार गौरव ने अपने आशीर्वचन मे कहा कि यूरोप में गुरू को बड़े से बड़े अधिकारियों से बढकर सम्मान दिया जाता है और दिया भी जाना चाहिए, क्योंकि गुरू ही सच्चा पथ प्रदर्शक है। वही अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाले होते हैं। इसलिए गुरू का सम्मान आवश्यक है।

कार्यक्रम का संचालन प्रांशु प्रिया व् स्वाति गुप्ता तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रदीप कुमार महतो ने किया। इस अवसर पर संस्कृति ज्ञान महाअभियान का शुभारंभ विद्यालय में किया गया।

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