रोचक मोड़ पर वैशाली पंचायत चुनाव

प्रहरी संवाददाता/वैशाली (बिहार)। वैसे तो बिहार में चुनावों को लेकर देश में एक अलग तरह की पहचान रही है। पहले जहां चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर चुनावी हिंसा की खबरें अखबारों की सुर्खियां बनता रहता था, वहीं अब इस पर विराम लगने लगा है। यह बात दीगर है कि अब चुनावी हिंसा का स्थान बिहार के बदले पश्चिम बंगाल और उत्तरप्रदेश (Uttarpradesh) में देखने को मिल रहा है।

खास यह कि इस बार कई चरणों में हो रहे बिहार में पंचायत चुनाव अपने में कई सवालों से घिरा है। खासकर वैशाली जिला (Vaishali district) में अबतक संपन्न पंचायत चुनाव परिणामों से जाहिर हो चुका है कि यहां का चुनाव बाहुबल को दरकिनार कर अब जनबल के बजाय धनबल की ओर उन्मुख हो गया है। ऐसे में पंचायतों का चहुंमुखी विकास पर प्रश्नचिन्ह लगना स्वाभाविक है।

इन सबों के बीच वैशाली जिले का ध्रुव माना जानेवाला ग्राम पंचायत वैशाली का पंचायत चुनाव संभवतः यहां के रहिवासियों के लिए एक नया सवेरा लेकर आ रहा है। जरूरत है उसकी सही पहचान की।

उक्त पंचायत से लगभग एक दर्जन मुखिया पद के दावेदार अबतक सामने दिख रहे हैं। उन सबो में अलग पहचान रखने का माद्दा पेश करनेवाली प्रत्याशी के तौर पर सबसे अधिक लोकप्रियता बटोर चुकी रंजना राकेश का नाम सबसे आगे दिख रहा है।

स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त मुखिया पद उम्मीदवार रंजना की खासियत बड़े परिवार को एकसूत्र में पिरोकर साथ चलने का रहा है। स्वभाव से अनुशासित रंजना यहां के ग्रामीणों के बीच काफी लोकप्रिय हैं।

मुखिया पद उम्मीदवार रंजना के पति रिपुंजय कुमार उर्फ टून्नू सिंह स्वयं एक सफल व्यवसायी हैं। उनके अनुसार रंजना प्रारंभ से हीं गरीब गुरबों व् जरुरतमंदो के लिए काम करती रही है।

उनका एक ही उद्देश्य है कि सरकार (Government) द्वारा प्रदत्त विकास योजनाओं को वास्तविक जरुरतमंदो तक पहुंचाना और बिचौलियागीरी पर विराम लगाना।

यही कारण है कि ग्रामीणों के विशेष आग्रह पर हीं चुनाव मैदान में वह भाग्य आजमाने का फैसला कर चुकी है। उनके अनुसार 11 अक्टूबर को दिन 11:30 बजे बतौर मुखिया पद प्रत्याशी रंजना राकेश अपना नामांकन करेंगी।

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