क्रांतिकारी जननेता शहीद प्रेमचंद सिन्हा को दी गई श्रद्धांजलि

प्रहरी संवाददाता/पेटरवार (बोकारो)। पेटरवार प्रखंड (Petarwar block) के हद में चलकरी बस्ती में 6 फरवरी को क्रांतिकारी जननेता शहीद प्रेमचन्द सिन्हा की श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।

जननेता शहीद प्रेमचन्द सिन्हा की कृतियाँ अन्याय, ज़ुल्म और शोषण पर टिकी व्यवस्था में जी रहे हर उस नौजवान के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो इस व्यवस्था में घुटन महसूस कर रहे हैं। यह बातें विस्थापित नेता काशीनाथ केवट ने अपने शहीद साथी प्रेमचंद सिन्हा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा।

उन्होंने कहा कि बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है। देश के करोड़ों मजदूर और पढ़े, लिखे नौजवान, जो शरीर और मन से दुरूस्त रहते हुये काम करने के लिए तत्पर हैं। वर्तमान व्यवस्था ने उन्हे अवसर से वंचित कर दिया है। भूखो मरने, भीख मांगने या असामाजिक गतिविधियों में संलिप्तता के लिए उन्हें विवश किया जा रहा है।

ऐसी परिस्तिथि में इस पूंजीवादी व्यवस्था में देश के युवाओं के सामने सिर्फ़ इंक़लाब ही एकमात्र विकल्प हो सकता है। इस इंकलाब में शहीद प्रेमचन्द जैसे शहीदों की कृतियाँ मार्ग दिखाने वाली मशाल की तरह है। केवट ने कहा कि प्रेमचन्द सिन्हा अस्सी के दशक में पटना युनिवर्सिटी के महासचिव एवं क्रांतिकारी जननेता थे।

वे अलग झारखंड राज्य (Jharkhand state) आंदोलन के साथ साथ पूरे देश में उस समय चल रहे राष्ट्रीयता के आंदोलनों में छात्रों युवाओं को जोड़ने के लिए छात्र मुक्ति मोर्चा का गठन उन्हीं के नेतृत्व में किया हुआ था। उन्होने कहा कि सिन्हा के नेतृत्व में छात्रों, नौजवानों, किसानों, मजदूरों ने व्यापक आंदोलन किया था।

इसी कारण भूमि-सेना के लोगों ने उन्हें पटना (Patna) में गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता मुन्ना गिरी ने किया। मौके पर विरेन्द्र करमाली, सुखदेव केवट, मकसूद आलम, रामप्रसाद केवट, राजेश कुमार, किशुन प्रसाद आदि उपस्थित थे।

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