करमाचौकी एवं बेहरागोड़ा के आदिवासियों ने सोहराय पर्व मनाया

अनाज को संजोने व पशुधन की कुशलता को ले मनाया जाता है सोहराय

आदिवासियों ने मांदर की थाप पर गाये पारंपरिक गीत व खूब थिरके
अजित जायसवाल/पेटरवार(बोकारो)। आदिवासियों की पारंपरिक त्योहार ‘सोहराय’ 8 जनवरी को अंगवाली दक्षिणी पंचायत के हद में कर्माचौकी एवं बेहरागोड़ा में उत्साह के साथ मनाया गया। कर्माचौकी के कुँवाकुल्ही में झामुमो के युवा कार्यकर्ता मनीराम सोरेन (Maniram Soren), यादुचन्द्र हेम्ब्रम, सरकार सोरेन आदि ने नेतृत्व किया। जबकि बेहरागोड़ा में कांग्रेस नेता चमन सोरेन, राजन किस्कू,आनंद सोरेन आदि ने नेतृत्व किया।
कर्मचौकी में मांझी हाड़म मनसु मांझी, किशुन मांझी, जीतन मांझी तीनो नाया पुजारी ने बताया कि बीते 6 जनवरी को गोठपूजा, 7 जनवरी को गोहाल पूजा एवं 8 जनवरी को पूर्वजों की विरासत बतौर सोहराय को धूम-धाम से मनाये जाने की परंपरा है। इस अवसर पर मांदर व नगाड़े की थाप पर काफी संख्या में मुहल्ले के महिला, पुरुष, युवक, युवतियां, बच्चे जुटे और संथाली भाषा में पारम्परिक सोहराय गीतों (Traditional Sohraya Songs) के साथ सामूहिक रूप से खूब नृत्य किया। कर्मचौकी के आयोजन में बुधन मुर्मू, शनिचर हेम्ब्रम, रामदास किस्कू, प्रबोध मुर्मू, बाबूचंद मुर्मू, राम मुर्मू, घनश्याम सोरेन, लीलमनी कुमारी, काली देवी, सरस्वती देवी, कलावती देवी, मनसोती देवी, नमिता, इतवारी कुमारी, तालो कुमारी जबकि बेहरागोड़ा के कार्यक्रम में आनंद सोरेन, बुधराम, गुलाब सोरेन, मनसा मरांडी, करमचंद रजवार, शिवचनंद, शिबू सोरेन, अनिता देवी, करमी, गौरी कुमारी, संगीता कुमारी, आशा कुमारी, पानमति, सुनीता, सिमोती आदि सक्रिय रही।

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