चोरी करते रंगे हाथ चोर धराया, कथित एक श्रामिक नेता ने छुड़ाया

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। नशे का आदि होकर किस कदर युवा अपराध के दलदल में धंसते चले जाते हैं इसकी बानगी 9 जून की अहले सुबह बोकारो जिला के हद में बेरमो प्रखंड के जारंगडीह बाजार में देखने को मिला। जहां स्थानीय एक युवक नशे की पूर्ति के लिए चोरी करते रंगेहाथ पकड़ा गया।

जानकारी के अनुसार जारंगडीह बाजार के एक दुकान में 9 जून की अहले सुबह स्थानीय रहिवासियों ने चोर को रंगे हाथ चोरी करते पकड़कर पेड़ के तने से बांध दिया।जिसे बाद में पुलिस आने से पूर्व ही कथित एक मजदूर नेता द्वारा वहां से भगा दिया गया। इस घटना की चर्चा क्षेत्र में जोरो पर है।

बताया जाता है कि जारंगडीह बाजार की एक गैरेज का दिवार तोड़कर स्थानीय एक युवक द्वारा चोरी की नियत से घटना को अंजाम दिया जा रहा था। इसी बीच उधर से गुजर रहे स्थानीय रहिवासियों की नजर उस पर पड़ी।

रहिवासियों ने चोरी के समान के साथ उक्त चोर को पकड़ कर उसे वही स्थित एक वृक्ष के तने में बांध दिया। पूछे जाने पर उसने नशे के लिए वहां के होटल से भी समाग्री चोरी किए जाने की बात स्वीकार की। साथ ही अपना नाम गुड्डू बताया तथा पिता का नाम खीरू राय (लपाता) बताया।

बताया जाता है कि चोर को पकड़ कर बांधे जाने की सूचना स्थानीय मीडिया कर्मियों द्वारा बोकारो थर्मल थाना प्रभारी को दी गई। रहिवासियों के अनुसार जब तक बोकारो थर्मल पुलिस घटना स्थल तक पहुंचती कथित एक मजदूर नेता चोर के परिजनों द्वारा दीवार की मरम्मति कराए जाने के आश्वासन के बाद वृक्ष के तने से खोलकर उसे भगा दिया।

घटनास्थल पर उपस्थित एक निजी डंपर चालक सचिन यादव ने बताया कि 2 दिन पूर्व उक्त चोर द्वारा डंफर में सोए अवस्था में उसका मोबाइल, ड्राइविंग लाइसेंस तथा 500 रुपए की चोरी कर ली गई थी।

घटना का खास पहलू यह है कि बोकारो थर्मल पुलिस घटना स्थल पर पहुंचकर आरोपी की तलाश तथा सूचना की सत्यता की जांच करने के बजाये स्थानीय रहिवासियों से सूचक के बारे में हीं जांच शुरू कर दी, जिससे कारण पुलिस के जाते ही चोर समर्थकों में सूचक के प्रति दुर्भावना पनपने लगा।

सवाल यह उठता है कि क्या सूचक का नाम पुलिस द्वारा सार्वजनिक करना जायज था। यदि नहीं तो ऐसा किन परिस्थितियों में किया गया? चर्चा है कि अब शायद हीं किसी प्रकार की घटना की सूचना स्थानीय पुलिस को मिल पाएगा।

इस संबंध में घटना स्थल पर पहुंचे उक्त पुलिस अधिकारी ने बताया कि गोपनीय सूचना के आलोक में हीं सूचक का नाम सार्वजनिक नहीं किया जाता है। क्या यह पुलिस अधिकारी का जबाब हास्यास्पद नहीं है?

 120 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *