पिछरी कोलियरी की भूमि सत्यापन की गति धीमी-विरंची मिश्रा

प्रहरी संवाददाता/फुसरो (बोकारो)। बोकारो जिला (Bokaro District) के सीसीएल (CCL) ढोरी एरिया के हद में पिछरी कोलियरी के विस्थापित रैयत बिरंचि मिश्रा का कहना है कि भूमि सत्यापन की गति काफी धीमी है। पेटरवार अंचल कार्यालय द्वारा सत्यापन में तेजी लाने का जो प्रयास होना चाहिए वह नहीं हो पा रहा है।

मिश्रा ने 19 अक्टूबर को एक भेंट में बताया कि उनका 3 एकड़ जमीन पिछरी कोलियरी के लिए अधिकृत हुआ है। इसके लिए 2018 में दूसरी अधिसूचना जारी हुई है। लेकिन अंचल कार्यालय द्वारा अब तक सत्यापन नहीं हो सका है।

उन्होंने बताया कि कर्मचारी सीओ के पास रिपोर्ट जमा नहीं कर रहा है। मिश्रा ने आरोप लगाया है कि कर्मचारी रैयतो से नजराना की आस लगाए हुए है। जिस कारण रिपोर्ट जमा करने में देरी कर रहा है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान ढोरी क्षेत्र के महाप्रबंधक एमके अग्रवाल और स्टाफ ऑफसर कार्मिक प्रतुल कुमार पूरी ईमानदारी से काम कर रहे हैं। जिसके कारण रैयतो में उम्मीद जगी है। मिश्रा ने बताया कि एम के अग्रवाल ने 27 अप्रैल 2018 को ढोरी क्षेत्र में महाप्रबंधक का पदभार ग्रहण किया था।

उस समय उन्होंने पिछरी कोलियरी को चालू करने के लिए विस्थापन समस्या के समाधान का प्रयास शुरू किया था। लेकिन मात्र 6 महीना के अंदर ही उनका तबादला हो जाने से पिछरी कोलियरी का मामला अटक गया।

अब जबकि अग्रवाल 11 मई 2020 को पुन:ढोरी क्षेत्र में महाप्रबंधक का पदभार ग्रहण किये तब से वह पिछरी कोलियरी को चालू कराने के लिए पुरजोर प्रयासरत हैं। जिसका परिणाम भी सामने आने लगा है।

विस्थापितों को उम्मीद है कि जिस तरह अमलो प्रोजेक्ट को चालू करने में अग्रवाल को सफलता मिली है, उसी तरह से उन्हें पिछरी कोलियरी को भी चालू कराने में सफलता मिलेगी। मिश्रा ने कहा जीएम अग्रवाल का कार्य और व्यवहार से रैयतो में उत्साहवर्धन हुआ है।

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