आश्रितों को मिला सम्मान जनक मुआवजा, कांग्रेस नेत्री की हो रही प्रशंसा
प्रहरी संवाददाता/बोकारो। बोकारो जिला के हद में जैनमोड़ में पिछले दिनों कुरपनिया पंचायत के रईसा फैल रहिवासी हाइवा चालक मनोज नायक का सड़क हादसे में निधन के बाद पंचायतवासी द्वारा बोकारो थर्मल छाई पोंड से होने वाली छाई ढुलाई को पूरी तरह ठप कर मुआवजा व नियोजन की मांग पर अड़ गए। इस आंदोलन का नेतृत्व कांग्रेस नेत्री खुशबू सिंह उर्फ पम्मी सिंह द्वारा किया गया।
बताया जाता है कि आंदोलन लगातार 24 घंटे से भी अधिक समय तक चला, मगर बात नही बनी। आखिरकार बेरमो विधायक कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए मामले की पहल शुरू की। बताया जाता है कि बीते 2 मार्च की देर रात्रि विधायक आंदोलन स्थल पर पहुंचकर ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक और पीड़ित परिजनों के अलावे दर्जनों आंदोलनकारियों की मौजूदगी में इस मुद्दे का निपटारा किया, जिसके अनुसार ट्रांसपोर्ट कंपनी को नगद 5 लाख मृतक चालक के आश्रितों को देने के साथ साथ दुर्घटना के बाद सरकार द्वारा निर्धारित 2 लाख के अलावे विधायक सिंह द्वारा अपने निजी मद से 50 हजार देने की घोषणा के बाद सहमति बनी।
इसके बाद आंदोलन समाप्त किया गया। मिली जानकारी के अनुसार बेरमो विधायक द्वारा संबंधित ट्रांसपोर्टिंग कार्य में लगे कंपनी को निर्देश दिया गया कि जब तक उक्त कंपनी इस छाई पाउंड से छाई का उठाव का काम करता रहेगा तब तक मृतक चालक के आश्रितों को हर माह 15 हजार देता रहेगा। वहीं इस आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाली कांग्रेस नेत्री पम्मी सिंह की भी उन्होंने जमकर प्रशंसा की।
आंदोलनकारियों की माने तो अगर पम्मी सिंह इस मामले को गंभीरता से नही उठाती तो गरीब चालक के आश्रितों को शायद कुछ भी हासिल नही होता। बहरहाल बेरमो विधायक की सराहनीय पहल और महिला नेत्री की मेहनत रंग लाई और मृतक के आश्रितों को मुआवजा व न्याय मिलने के साथ-साथ विधायक की सक्रियता भी देखने को मिली। जिससे उक्त आंदोलन को समाप्त किया जा सका।
मौके पर विधायक के अलावे बेरमो सीओ संजीत कुमार, बोकारो थर्मल थाना प्रभारी शैलेन्द्र कुमार सिंह, गाँधीनगर थाना प्रभारी पिंटू महथा,प्रखंड अध्यक्ष छेदी नोनिया, बोकारो थर्मल थाना के पुलिस अवर निरीक्षक धर्मेंद्र कुमार के साथ साथ महिला नेत्री पुम्मी सिंह, मुखिया चन्द्र देव घांसी, मुखिया बबलू सिंह, मुखिया पति सनद कुमार तथा मृतक की पत्नी और पुत्र के अलावे परिजन मौजूद थे।
जबकि मृतक अपने पिछे पत्नी के अलावे तीन बच्चे छोड़ गए हैं। ज्ञात हो कि 3 मार्च की सुबह मृतक के आवास पर पहुंचकर 4.5 लाख का भुगतान कर दिया गया, जबकि 50 हजार बीते 2 मार्च की संध्या ही आश्रितों को दिया जा चुका है।
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