1932 का खतियान लागू करने को लेकर 7 मार्च को विधानसभा का घेराव

एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। राज्य की नीति-निर्णयों में झारखंडी भावना और आम अवाम की भागीदारी को कोई जगह नहीं मिल रही। मानो सत्ता और सिस्टम झारखंड का मालिक बन बैठा है।

जनादेश का हर मोड़ पर अपमान हो रहा और संसाधनों की चौतरफा लूट मची हुई है। उक्त बाते बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में फुसरो नप के सेंट्रल कॉलोनी मकोली स्थित सांसद आवासीय कार्यालय में 19 फरवरी को गोमियां विधायक डॉ लंबोदर महतो ने कही।

उन्होंने कहा कि जनता के बदौलत ही राज्य की हेमंत सोरेन सरकार को बड़ा निर्णय लेना पड़ा और झारखंड सरकार (Jharkhand Government) ने भोजपुरी और मगही भाषा को धनबाद और बोकारो जिले से बाहर कर दिया है। अब जिलास्तरीय नियोजन में धनबाद और बोकारो जिले में भोजपुरी और मगही को मान्यता नहीं मिलेगी।

उन्होंने कहा कि झारखण्ड की चुनौतियां बढ़ गई है। राज्य के लोगों में हताशा निराशा के स्वर साफ सुनाई पड़ रहा हैं। विधायक ने कहा कि यह बेहद अफसोस जनक है कि झारखंडी अपनी पहचान की तलाश में सड़कों पर आंदोलन करने को मजबूर हैं।

ऐसे में झारखंड की मानस के प्रति समर्पित आजसू पार्टी (Ajsu Party) की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। हमें मजबूती से सरकार की नीति निर्णय के खिलाफ जनमत को गोलबंद करना होगा। झारखंडी भावना से जुड़ी हर आंदोलन की आवाज आज‌सू बनेगी।

उन्होंने कहा कि सवा दो साल में झामुमो कांग्रेस (JMM Congress) ने राज्य को जिस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है, वह हमारे लिए चुप बैठने का नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य की मौजूदा स्थिति हमें चुप बैठने की इजाजत नहीं देता। सड़क से सदन तक हम आवाज उठाएंगे और हर जरूरी मुद्दे पर सरकार को रोकेंगे और टोकेंगे।

विधायक ने कहा कि स्थानीय नीति को लेकर झारखंड में उपजे असंतोष और जनभावना के मद्देनजर सरकार के निर्णय के खिलाफ आगामी 7 मार्च को पार्टी के विधानसभा घेराव कार्यक्रम (Program) को हर हाल में सफल बनाना है। मौके पर महेंद्र चौधरी, अशोक चौहान, प्रकाश कुमार, विनय सिंह, सचिन कुमार, महेश देशमुख, नरेश महतो, मनोज कुमार महतो सहित कई लोग मौजूद थे।

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