मां की भक्ति में शक्ति है, माता की पूजा पारिवारिक पूजा है-संजय कुमार शारदा
इस साल की पूजा की तैयारी पश्चिम सिंहभूम जिले का तोड़ेगा रिकॉर्ड-आलोक दत्ता
सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। पश्चिम सिंहभूम जिला के हद में बड़ाजामदा स्थित फुटबॉल ग्राउंड में होने वाले दुर्गा पूजा पंडाल हर साल की तरह इस साल भी विशेष आकर्षण का केंद्र होगा।
बड़ाजामदा में माता के भक्त सह बड़ाजामदा फुटबॉल ग्राउंड पूजा कमेटी अध्यक्ष संजय कुमार शारदा ने 8 अक्टूबर को एक भेंट में बताया कि मां दुर्गा की पूजा की व्यवस्था आकर्षक पंडाल के साथ की गई है। उन्होंने कहा कि माँ दुर्गा की भक्ति में शक्ति है। माता दुर्गा की पूजा एक पारिवारिक पूजा है, जिसमें माता दुर्गा के साथ-साथ, माता सरस्वती, माता लक्ष्मी, प्रथम पुज्य भगवान श्रीगणेश एवं भगवान कार्तिकेय की पूजा संयुक्त रूप से की जाती है। कहा कि इस पूजा में सभी को शामिल होना चाहिए एवं पूरे श्रद्धा व सम्मान के साथ माता की पूजा करनी चाहिए।
माता मनुष्य के हर कष्टों को हर लेती है एवं सुख व शांति प्रदान करती है। ज्ञात हो कि, यहां पूजा में बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाने वाले, श्रद्धालुओं को पूरे श्रद्धा के साथ आमंत्रित करने, मिष्ठान एवं प्रसाद की व्यवस्था करने में वर्तमान अध्यक्ष संजू सारदा की अग्रणी भूमिका होती है।
पूजा कमेटी पूर्व अध्यक्ष आलोक दत्ता ने कहा कि इस साल की पूजा की तैयारी पश्चिम सिंहभूम जिले का रिकॉर्ड तोड़ेगी।
उन्होंने बताया कि बड़ाजामदा की समाजसेविका रीना दत्ता के ईश्वरीय स्वपन व रहिवासियों की माँग के आधार पर वर्ष 2005 मे बड़ाजामदा दुर्गा पूजा कमेटी बनी। इसके बाद से यहां प्रतिवर्ष लगातार पूजा जारी है। बताया कि पहले श्रद्धालू आज से 19 वर्ष पूर्व सिर्फ कलिंगा का खराब रास्ता तय कर पूजा देखने जाते थे। लेकिन अब बड़ाजामदा व् आस पास के श्रद्धालू यहां पूजा देखने पहुँच रहे है। कहा कि पूजा राक्षस राजा महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत का प्रतीक है।
यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत, अंधकार पर प्रकाश और दुनिया की रक्षा करने की ईश्वर की शक्ति का प्रतीक है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, राक्षस महिषासुर को एक वरदान प्राप्त था, जिसने उसे लगभग अजेय बना दिया था। माता रानी ने उस अहंकारी का वध कर संसार को आसुरी शक्ति से मुक्ति देती है।
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