विस्थापितों ने आंदोलन का किया शंखनाद

एन.के.सिंह/फुसरो (बोकारो)। विस्थापित संघर्ष समन्वय समिति के तत्वाधान में जरीडीह बस्ती और लोधरबेडा के विस्थापितों की एक बैठक 17 जनवरी क़ो जरीडीह में आयोजित किया गया। अध्यक्षता रामेश्वर महतो और संचालन धनेश्वर महतो ने किया।

इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष लखनलाल महतो (Committee Chairman Lakhanlal Mahato) ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन हठधर्मिता त्यागे और विस्थापितों की लंबित मांगो पर आगामी 14 फरवरी के पहले सकारात्मक फैसला करें। अन्यथा 14 फरवरी से बेरमो कोयलांचल का अनिश्चितकालीन चक्का जाम किया जाएगा।

महासचिव काशीनाथ केवट ने सीसीएल प्रबंधन को झारखंड (Jharkhand) और पर्यावरण विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि कोनार परियोजना के लिए सदियों पोषित बन संपदा का सत्यनाश कर दिया गया। घनघोर जंगल, पक्षियों की दूर तक गूँजती आवाज, झरने की निर्मल पानी, खेत गाँव सब बर्बाद कर दिया गया। यहाँ से उजड़ने वाले विस्थापितों के साथ अन्याय किया जा रहा है।

संयुक्त सचिव सूरज महतो ने कहा कि विस्थापितों की एकता तोड़ने के लिए प्रबंधन ने अपने रंग बिरंगे एजेंटों को विस्थापित गाँवो में भेजना शुरू किया है। मौके पर प्रीतम महतो, रामेश्वर महतो, तुलसी महतो, दीपक कुमार महतो, वीरेंद्र महतो, हरक लाल महतो, लौकी महतो, बासुदेव महतो, राजेंद्र महतो, विश्वनाथ महतो, नागेंद्र महतो, आदि।

लाल मोहन महतो, गुलाब, डेगलाल महतो, विशेश्वर महतो, मनोज महतो, आसमा देवी, मंगरी देवी, जीरवा देवी, फागुनी देवी, सेवा महतो, श्याम नारायण, भुनेश्वर प्रसाद, सुरेंद्र महतो, वीरेंद्र करमाली आदि उपस्थित थे।

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