बसंत पंचमी को लेकर उपायुक्त ने सुविधाओं का लिया जायजा

एस.पी.सक्सेना/देवघर (झारखंड)। बसंत पंचमी पर्व को लेकर देवघर जिला उपायुक्त मंजुनाथ भजंत्री (Deoghar district Deputy Commissioner Manjunath Bhajantri) द्वारा 5 फरवरी की अहले सुबह मंदिर प्रांगण, क्यू कॉम्प्लेक्स, नेहरू पार्क, शिवराम झा चौक और उसके आस-पास के क्षेत्रों का अवलोकन कर विधि-व्यवस्था व श्रद्धालुओं की सुविधाओं का जायजा लिया गया।

इस दौरान उपायुक्त ने श्रद्धालुओं से बातचीत कर उनका उत्त्साहवर्धन करते हुए उनका हाल-चाल व जिला प्रशासन (District Administration) द्वारा मुहैया करायी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली।

रुटलाइन निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त भजंत्री द्वारा मेला क्षेत्र में प्रतिनियुक्त पुलिस के जवानों व दंडाधिकारियों की टीम को निदेशित किया गया कि रुट-लाइन बाबा मंदिर व उसके आस-पास के क्षेत्रों में विशेष निगरानी की जाय एवं कतारबद्ध तरीके से श्रद्धालुओं के सुगम जलार्पण में उनका सहयोग किया जाए।

उपायुक्त ने कहा कि बसंत पंचमी के दिन सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष कर हो रही सभी गतिविधियों पर पैनी नजर रखने की आवश्यकता है। ऐसे में आवश्यक है कि अपने प्रतिनियुक्त स्थल पर विधि-व्यवस्था और भीड़ व्यवस्थापन हेतु सेवा भाव के साथ मुस्तैदी से अपने कर्तव्य स्थल पर डटे रहें, ताकि यहाँ आगन्तुक श्रद्धालुओं को सुलभ जलार्पण, सुरक्षा व बेहतर व्यवस्था के साथ हर संभव सुविधा मुहैया करायी जा सके।

निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बसंत पंचमी के अवसर पर बाबा मंदिर में सुबह से हीं जलार्पण को लेकर श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है। इसके साथ हीं बाबा बैद्यनाथ के तिलकोत्सव में शामिल होने मिथिलांचन से तिलकहरूओं का आगमन लगातार बाबा नगरी में देखने को मिल रहा है। बाबा के जलार्पण के पश्चात बाबा का तिलकोत्सव भी किया जायेगा।

खुद को देवी पार्वती के मायका पक्ष का लोग मानने वाले मिथिलांचल के श्रद्धालु इसे वार्षिक उत्सव के रूप में मनाते हैं। यही वजह है कि देवघर में मिथिलांचल के लोग चार-पाँच दिन पूर्व से हीं बाबा नगरी में जुटने लगते है। देवघर के प्राचीनतम पंजीकृत मेलों में एक बसंत पंचमी मेले में मिथिलांचल के काँवरिये सभी उत्तरवाहिनी सुल्तानगंज गंगाघाट से जल भर पैदल कांवर लेकर बाबा दरबार पहुँचते हैं।

मिथिलांचल के कांवरियों की अपनी अलग पहचान उनके कांवर से ही हो जाती है। तिलकहरूए के नाम से जाने वाले मिथिला के कांवरिया बाँस का कांवर लेकर कमाची से बने बंद डाले में सुरक्षित गंगाजल लेकर बैद्यनाथ धाम पहुँचते हैं।

सामूहिक पूजा, भोजन, आवासन और अंतिम दिन बसंत पंचमी पर तिलक चढ़ाने के बाद उत्सव भी मनाते हैं। वहीं जिला प्रशासन द्वारा बसंत पंचमीं के अवसर पर श्रद्धालुओं की होने वाली अप्रत्याशित भीड़ को लेकर पहले से हीं श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए पूरी तैयारी दुरूस्त कर ली गई थी। बैरिकेडिंग के अलावे दंडाधिकारी व जगह-जगह पर पुलिस के जवानों की भी प्रतिनियुक्ति की गयी थी।

पुरानी परंपरा के अनुरूप बाबा मंदिर परिसर स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर के प्रांगण में मुख्य पूजा तिलकोत्सव संध्या में शुरू होगी। बाबा के निमित्त आम्र मंजर, पंच मेवा, अबीर व फल चढ़ाये गए। इसके साथ हीं बाबा व सभी बाईसों मंदिरों में विशेष भोग मलपुआ अर्पित किया गया।

इस दौरान मंदिर प्रभारी सह अनुमंडल पदाधिकारी दिनेश कुमार यादव, मुख्य प्रबंधक रमेश परिहस्त, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी एवं संबंधित अधिकारी, पुलिस के जवान आदि उपस्थित थे।

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