भगवान महावीर विकलांग सहायता केंद्र पर दबंगो ने दिखाई दबंगई

केंद्र द्वारा विज्ञप्ति जारी कर प्रबुद्ध जनों से की गयी सहयोग की मांग

एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड की राजधानी रांची स्थित भगवान महावीर विकलांग सहायता केंद्र पर बीते 19 जून को दबंगो द्वारा इसे बंद करने के लिए असामाजिक तत्वों को भेजकर धमकी दिए जाने की सूचना है। इसे लेकर भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के अध्यक्ष ललित केडिया तथा सचिव नेगी अग्रवाल ने 21 जून को सीसीटीवी फुटेज जारी करते हुए विज्ञप्ति के माध्यम से प्रबुद्ध जनों से मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।

उक्त जानकारी देते हुए समिति के सदस्य हरीश दोशी उर्फ राजू भाई ने कहा कि भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति दिव्यांगों की सेवा करने वाली विश्व की सबसे अग्रिम संस्था है। उन्होंने बताया कि इसकी 32 शाखाएं हैं। इसके द्वारा अबतक 22 लाख से अधिक बिकलांगो को प्रमुख सहायता प्रदान की जा रही है। इसके अलावा 35 देश में इसकी सेवा चल रही है।

समिति द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति की पहली शाखा रांची में वर्ष 2017 में कोकर स्थित निरमाया अस्पताल में आरंभ किया गया था। वर्ष 2020 में दूसरी शाखा जमशेदपुर में आरंभ तथा 2022 में तीसरी शाखा चाईबासा में शुरु किया गया।

तीनों शाखाओं द्वारा 22000 से अधिक दिव्यांगों को नि:शुल्क सेवा प्रदान की गई है। कहा गया कि झारखंड में करीब 3 लाख रहिवासी दिव्यांगता के कारण अभिशप्त जिंदगी जीने को मजबूर है। हमारी तीनों संस्था कैंप के अलावा गांव में जाकर मोबाइल बैंक के सहायता से कैंप लगाकर विकलांगता को अभिशाप से मुक्त करने का कार्य कर रही है।

बताया गया कि एक जून 2023 में रांची के ट्रैक्टर टोली बरियातू में केंद्र को स्थानांतरित किया गया था। इसका उद्घाटन झारखंड के राज्यपाल के. राधाकृष्ण द्वारा किया गया। जिसमें सांसद एवं विधायकों की उपस्थिति में यह भूखंड रांची के प्रसिद्ध समाजसेवी प्रदीप कुमार जैन द्वारा दान में देने की बात कही गई। यह खाली भूखंड हमें जब मिला तब यहां जंगल झाड़ था। स्थानीय रहिवासियों द्वारा निर्माण कार्य में बाधा डालने का प्रयास किया गया।

जब उन्हें पता चला कि यह भूखन जो दान में मिला है वह विकलांगों और दिव्यांगों की भलाई के लिए केंद्र की स्थापना की जाएगी उन्होंने हमारा साथ दिया। समाज के कई दानवीरों ने हमारी सहायता की। केंद्र की स्थापना 1 जून 1923 को सिर्फ प्रदीप कुमार जैन द्वारा संस्था के सदस्यों से एक इकरारनामा पर हस्ताक्षर करने को कहा गया, क्योंकि उस दिन उद्घाटन कार्यक्रम था।

हमने बिना पढ़े विश्वास कर प्रदीप जैन की बात मानते हुए हस्ताक्षर कर दी। बाद में पता चला कि यह 11 महीने का लीज एग्रीमेंट था। इसमें स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि जब तक ललित केडिया झारखंड के अध्यक्ष है तब तक यह भूखंड महावीर विकलांग सहायता समिति के इस्तेमाल के लिए किया गया है।

जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि बीते 1 जून को प्रथम स्थापना दिवस मनाया गया जिसमें रांची के सांसद व् रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। पूर्व राज्यसभा सांसद अजय मारू विशिष्ट अतिथि थे।

बताया गया कि बीते 19 जून को दोपहर 12:30 बजे के लगभग 10 से 12 सामाजिक तत्व उक्त केंद्र में आए और वहां उपस्थित कर्मचारी गण एवं दिव्यांगों के साथ गाली गलौज एवं मारपीट की। साथ हीं कहा गया कि वे सभी प्रदीप जैन के आदमी हैं। तुम लोग बाहर निकल जाओ। दोबारा आने की कोशिश मत करना अन्यथा अंजाम भुगतना पड़ेगा। इसके पक्ष में यहां तोड़फोड़ करने के बाद असामाजिक तत्व यहां से चले गए।

जारी विज्ञप्ति में झारखंड सरकार सहित स्थानीय सांसद, विधायक, शैक्षिक संस्थानों के सदस्य, उद्योग व्यापार की संस्थाएं तथा रांची के सभी नागरिक से अपील की गयी है कि विकलांगों को मुख्य धारा में लाकर समाज में मान, सम्मान दिलाने एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमारी संस्था एवं इसके सदस्य रात दिन तन मन धन से लगे हुए हैं।

अतः इस प्रकार के असामाजिक तत्वों द्वारा भविष्य में ऐसा उपद्रव ना किया जा सके, इसके लिए आवश्यक कदम उठाने को लेकर सरकार को इस पर ध्यान देकर ऐसी संस्थाओं को सुरक्षा प्रदान करना अति आवश्यक है।

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