आखिरी दिन नाटक जोरू का गुलाम दर्शको को आया पसंद

एस.पी.सक्सेना/पटना (बिहार)। लोक पंच द्वारा आयोजित दशरथ मांझी नाट्य महोत्सव 2021-22* के आखिरी दिन बीते 10 अक्टूबर की रात्रि पश्चिम चंपारण जिला के हद में रामनगर गोपालपुर गांव में नाटक जोरू का गुलाम ने उपस्थित हजारो दर्शकों के बीच अपनी अमिट छाप छोड़ने में सफल रहा। उक्त जानकारी लोक पंच के सचिव मनीष महिवाल ने 11 अक्टूबर को दी।

महिवाल के अनुसार नाटक जोरू का गुलाम (Drama Joru ka Gulam) का कथासार इस प्रकार है। जहां अनगिनत लोग अपने हसीन ख्वाब लिए रोजी-रोज़गार, तालीम और बेहतरीन कल की खातिर गांव से पलायन कर शहर में आ बसते हैं।

लेकिन शहर की संस्कृति और मिज़ाज, गांव की संस्कृति और मिज़ाज से बिल्कुल अलहदा होती है। यहां तक कि शहर की आवोहवा इंसान की फितरत तक बदल डालती है। खासकर अजीबो गरीब हालात तो तब पैदा होते हैं, जब ऐसे लोग ना पूरी तरह गांव के रह पाते हैं और ना ही शहर के।

मिलिए ऐसे ही एक परिवार से, जिसमें तीन लोग रहते हैं। मियां, बीवी और साला। मियां परेशान है अपनी दबंग बीवी और आफत का परकाला अपने साले से, जो हमेशा आग में घी का काम करता है।

दोनों ने मिलकर बेचारे का चैन-सुकून छीन रखा है। घर का सारा काम-काज उसी को करना पड़ता है। लेकिन बेचारे का बीवी की धौंस के आगे एक नहीं चलती।

आखिरकार एक दिन सपने में ही सही उसे एक ऐसी चमत्कारी किताब मिलती है, जिसमें उसे न सिर्फ ऐसी पत्नी के जुल्मों से छुटकारा पाने की तरकीब मिलती है बल्कि ऐसी पत्नियों को वश में रखने का मंत्र भी मिल जाता है।

हालात अब बिल्कुल उल्टे पड़ जाते हैं। पति को रौबदार अवतार में पाकर उसकी पत्नी और भाई हैरत में हो जाते हैं। लेकिन सपने तो आखिर सपने ही होते हैं। चाहे कितना भी सुंदर क्यों ना हो। उसके टूटते ही उसकी सारी खुशी काफूर हो जाती है। और अंत तक वह जोरू का गुलाम ही बना रहता है।

महिवाल के अनुसार इस नाटक के मंच पर जीजा की भुमिका रजनीश पांडेय, पत्नी की भुमिका दीपा दीक्षित, साला (पत्नी का भाई) देवेन्द्र कुमार चौबे तथा मिष्टी की भुमिका में उर्मिला कुमारी ने नाटक को जीवंत बना दिया है।

जबकि मंच से परे रूप सज्जा एवं मंच संरचना अमन आयुष्मान, प्रेक्षागृह प्रभारी ठाकुर कृष्ण देव, कॉस्टयूम नेहा डोयल, प्रॉपर्टी अभिषेक राज, प्रस्तुति नियंत्रक दीपा दीक्षित, साउंड ऑपरेटर मनीष महिवाल, प्रकाश परिकल्पना राम प्रवेश, सहायक निर्देशक अमन आयुष्मान, लेखक अभिषेक चौराहा, निर्देशन रजनीश पांडेय हैं।

 1,344 total views,  4 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *