स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन पूरे राष्ट्र को अपूर्णीय क्षति

मेघदूत रेडियो लिस्नर्स क्लब ने दिया स्वर कोकिला को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि

प्रहरी संवाददाता/पेटरवार (बोकारो)। स्वर कोलिला सह सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के 6 फरवरी की सुबह निधन की खबर से पूरा राष्ट्र शोकाकुल है। उनका जन्म 28 सितंबर 1929 को हुआ था।

निधन आज 6 फरवरी को 92 वर्ष की उम्र में हो गई। मेघदूत रेडियो लिस्नर्स क्लब बेरमो (Meghadoot Radio Listeners Club Bermo) की ओर से उन्हें अश्रुपूरित नेत्रों से भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई और ईश्वर से प्रार्थना की गई कि उन्हें अपने चरणों में स्थान दें।

इस दुनियां में नहीं रहकर अब वे नही गा सकेंगी, लेकिन उनकी आवाज व गाए हुये गाने अमर हो गये। जो सदैव लोगों के दिलों में यादगार बनकर रह जायेगा। लता जी के गाने कानों से दिल की गहराइयों में गोते लगाते थे। उनके गाए कुछ ऐसे गाने हैं जिसे सुनकर बड़ी से बड़ी हस्तियां भी अपनी आंसू को नही रोक पाए।

जी हां 27 जनवरी 1963 में दिल्ली स्थित रामलीला मैदान के मंच पर उनके गाए ‘ये मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी, जो शहीद हुए हैं उनकी याद करो कुर्बानी’ गीत ने उस समय के देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री (Prime minister) तक को भाव-विह्वल कर दिया था।

उन्होंने छोटी उम्र से ही फिल्मी गानों को अपना स्वर देना शुरू किया था। आएगा आने वाला (महल), तेरे याद में जलकर देख लिया (नागिन), सारी सारी रात तेरी याद सताए री (अजी ओ शुक्रिया), एहसान तेरा होगा मुझपर (जंगली), परदेशियों से ना अंखियां मिलाना (जब जब फूल खिले), दुनियां में ऐसा कहां सबका नसीब है (देवर), आदि।

अजी रूठकर कहां जायेगें (आरजू), आजा छाई बाहर तेरे बिना रहा न जाय (राजकुमार), जाने वफा ये जुल्म न कर (आंखे), आजा तेरी याद आई (चरस), जिंदगी की ना टूटे लड़ी (क्रांति), मेरे नसीब में तूं है कि नही (नसीब), ओ बाबुल प्यारे रोए पायल की छम छम (जॉनी मेरा नाम), ये कैसा सुरमंदिर है (प्रेम नगर), आदि।

ऐ हवा मेरे संग संग चल (बाबू), तुम्ही मेरी मंदिर (खानदान), तोहे सवारियां नाही खबरिया (मिलन), मेरा नाम है चमेली (राजा और रंक), साजन साजन पुकारूं गलियों में (साजन), एक प्यार का नगमा है (शोर), कितना मजा आ रहा है (राजा जानी) इसी तरह अन्य मशहूर गायकों के साथ जुगल गीत, आदि।

जैसे धीरे धीरे बोल कोई सुन न ले, ये दिल तुम बिन कहीं लगता नही, कोरा कागज था ये मन मेरा (आराधना), झिलमिल सितारों का आंगन होगा (जीवन मृत्यु) आदि मशहूर व लोकप्रिय गाने लता जी के द्वारा गाये गए हजारों कर्णप्रिय गीतो की लड़ी है, जिसे वर्णन नहीं किया जा सकता।

आज इस शोक की दुःखद घड़ी में ऑनलाइन विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में लुधियाना से मेघदूत रेडियो लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष मनजीत छाबड़ा, नैनू छाबड़ा, बीनू छाबड़ा, बोकारो के बेरमो से उपाध्यक्ष अजीत कुमार जयसवाल सहित रामाधार विश्वकर्मा, अमित कुमार छाबड़ा, अनिल पाल, निरंजन दत्त, उमेश घायल, आदि।

रांची से राधाकृष्ण विश्वकर्मा उदभ्रांत, मो नौशाद खान, धनबाद से रामचंद्र गुप्ता, महाराष्ट्र से सुनैना, गुजरात से चांदनी पटेल, बिपिन मेहता, साथ ही दिवंगत लता जी के प्रशंसक अंगवाली से देवब्रत जयसवाल, अनूप चटर्जी, अंगेज मिश्रा, फुसरो से विनोद कुमार सिंह, निमाई सिंह चौहान, जयप्रकाश सिंह उर्फ लालबाबू आदि शामिल थे।

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