कोविड-19 पर खर्च का ब्यौरा वेबसाइट पर अपलोड करें नगरसेवक

विशेष संवाददाता/ मुंबई। नगरसेवक फंड से कोरोना (Coronavirus) महामारी की रोकथाम के लिए मनपा ने नगरसेवकों को उनकी निधि से 10 लाख रुपए तक का खर्च करने का अधिकार दिया है। इसके लिये मुंबई महानगरपालिका ने एक परिपत्रक भी जारी कर दिया है। मनपा (BMC) की हिमाकत को देखते हुए मुंबईकरों ने प्रशासन से अपील की है कि इस खर्च का पूरा ब्योरा पारदर्शिता के साथ होनी चाहिए। इसे लेकर मुंबई की विभिन्न 15 सामाजिक संस्थाओं ने नवनियुक्त मनपा आयुक्त से मांग की है कि नगरसेवकों के खर्च का पूरा ब्यौरा मनपा की वेबसाइट पर अपलोड किया जाए।

गौरतलब है कि पिछले महीने 20 अप्रैल को जारी एक परिपत्र में मनपा ने कहा है कि राज्य सरकार ने एपिडेमिक डिजीज ऐक्ट 1897 के तहत कोरोना वायरस जैसी महामारी के प्रसार को रोकने के लिए काफी सख्त कदम उठाए हैं। चूंकि यह वायरस संसर्ग जनित रोगों में आता है इसलिए राज्य सरकार और साथ ही साथ मनपा भी इसको जल्दी से जल्दी काबू पाने में जुटी हुई है।

इस परिपत्रक में यह कहा गया है कि संबंधित वादों के नगरसेवक अपने-अपने क्षेत्र में इस महामारी को रोकने के लिए उनकी निधि से ₹10 लाख तक खर्च कर सकते हैं। यह निधि उनके एरिया में पीपीई किट, मास्क, एन-95 मास्क, ग्लोवस, सैनिटाइजर, डिसइनफेक्टेड पाउडर जैसी अति आवश्यक चीजें खरीदने और उपलब्ध कराने के लिए खर्च की जा सकती है। इसके साथ ही, नगरसेवक निधि से मिनी ऑक्सीजन सिलेंडर, डिजिटल थर्मल स्कैनर, स्टेथस्कोप, ग्लूकोमीटर, पल्समीटर, ऑक्सीमीटर फिंगर जैसे उपकरण भी खरीद कर तैनात किए जा सकते हैं।

इस बाबत प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अनिल गलगली ने यह मांग उठाई है कि नगर सेवकों द्वारा इस फंड का उपयोग काफी पारदर्शिता के साथ होनी चाहिए जिसका विवरण सभी जनता को दिन-ब-दिन मिलना चाहिए। इसके लिए उन्होंने मनपा कमिश्नर तथा अन्य संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर यह मांग की है कि इस खर्च का ऑडिट काफी सावधानी पूर्वक किया जाए ताकि इस पैसे का सीधा उपयोग महामारी के रोकने के काम में ही आए ना कि अन्य कामों में जैसा कि अतीत में कई बार हो चुका है।

इस बाबत जब वार्ड क्रमांक 131 की नगरसेविका राखी जाधव से संपर्क किया तो उन्होंने पहले मनपा की इस पहल का स्वागत किया और कहा कि उन्होंने इस निधि से समुचित मात्रा में ग्लूकोमीटर, पल्समीटर, ऑक्सीमीटर आदि इन्स्ट्रूमेंट्स की खरीदी की है और उन्हें हेल्थ पोस्ट और डिस्पेंसरीस में रख दिया गया है। अपने इलाके में दिन रात और लगातार काम कर रहीं श्रीमती जाधव ने कहा कि उनके कार्यकर्ता स्थानीय डॉक्टर और मेडिकल प्रोफेशनल के साथ मिलकर डोर टू डोर चेकिंग कर रहें हैं।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कौन से मेडिकल उपकरण खरीदें जाए और कहाँ रखे जाएं, नगरसेवक सिर्फ इसका अनुमोदन करते हैं और जहां तक इसके पब्लिक ऑडिट की बात है, वो इसका स्वागत करती हैं।

गौरतलब है कि गलगली द्वारा लिखे गए इस मांग पत्र को वर्षा विद्या विलास (सद्भावना संघ), अमोल मडामे (नागरिक अधिकार मंच), नंदकिशोर तलशिलकर (अनिस), बिलाल खान (घर बचाव घर बनाओ), यासीन खान (एरिया सभा समिती), रमेश कदम (एमपीजे), डॉ कृष्णा नाईक (मुंबई मराठी ग्रंथ संग्रहालय), दीपक सोनावणे (भाकर फाऊंडेशन), सुजाता सावंत (आदर्श फाऊंडेशन), फकरुद्दीन शेख (धारावी रहिवासी संघ), सीताराम शेलार (सीपीडी), सूरज भोईर (मैत्री संस्था) के अलावा कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हस्ताक्षर किए हैं।

इस सिलसिले में जब एन वार्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि सभी जन प्रतिनिधियों ने निधि का सही उपयोग किया है।

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