के. बी. कॉलेज में आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में जारंगडीह स्थित के. बी. कॉलेज बेरमो में 5 अगस्त को आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला में कॉलेज के प्राचार्य, व्याख्याता सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्रा उपस्थित थे। जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) द्वारा आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन कॉलेज के जंतु शास्त्र सभागार में प्राचार्य लक्ष्मी नारायण की अध्यक्षता में विधिवत् दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि आत्मरक्षा प्रशिक्षक धानांतर कुमार, विशिष्ट अतिथि सहायक आत्मरक्षा प्रशिक्षक कुमारी आकांक्षा तथा रत्ना कुमारी शामिल थे।

इस अवसर पर प्राचार्य लक्ष्मी नारायण ने आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आत्मरक्षा तकनीकों के बारे में जानकारी होने से छात्राओं को खुद की रक्षा करने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि इससे आत्मविश्वास भी बढ़ता है। समाज में महिलाओं की सुरक्षा हेतु आत्मरक्षा प्रशिक्षण की जानकारी उन्हें भयमुक्त बनाता है।

प्रोफेसर इंचार्ज गोपाल प्रजापति ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि आत्मरक्षा प्रशिक्षण व्यक्तित्व के समग्र विकास के लिए जरूरी कदम है। आत्मरक्षा की तकनीकों की जानकारी छात्राओं को मानसिक तथा भावनात्मक रूप से मजबूत बनाते हैं। खुद का आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायक है।

आत्मरक्षा प्रशिक्षक धानांतर कुमार ने कहा कि आत्मरक्षा प्रशिक्षण के माध्यम से लड़कियों का मनोवैज्ञानिक, बौद्धिक, शारीरिक रूप से इतना मजबूत बनना सिखाया जाता है कि वे संकट के समय खुद की रक्षा कर सके।

सहायक आत्मरक्षा प्रशिक्षक रत्ना ने कहा कि आत्मरक्षा प्रशिक्षण एक जीवन कौशल है, जो खासकर लड़कियों को आस पास के वातावरण के बारे में अधिक जागरूक होने और किसी भी समय अप्रत्याशित स्थिति के लिए तैयार रहने मे मदद करता है।

इस अवसर पर कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ प्रभाकर कुमार ने कहा कि नारी कोमल है, कमजोर नहीं। शक्ति का नाम ही नारी है। आत्मरक्षा प्रशिक्षण तकनीक छात्राओं की शिक्षा को बढ़ावा देने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि मौलिक अधिकार के तहत आत्मरक्षा कानून भी बनाए गए हैं, जिसका उल्लेख भारतीय दंड संहिता की धारा 96 से लेकर 106 में उल्लिखित है।

कहा कि अपने ऊपर हो रहे हमले को रोकने के लिए, दुष्कर्म, हमले में मृत्यु की आशंका, गंभीर चोट, अप्राकृतिक दुष्कर्म, अपहरण, एसिड हमले की आशंका आदि स्थितियों में खुद को किसी भी हमले से बचाने के लिए हमलावर पर वार करना कोई अपराध नही माना जाता है, बल्कि यह एक अधिकार है।

देश की सर्वोच्च अदालत ने भी अपने फैसले में आत्मरक्षा कानून को जीवन का अधिकार माना है। प्रत्येक नागरिक को आत्मरक्षा के साथ अपने परिजनों की सुरक्षा का भी अधिकार मिला है। मंच संचालन कार्य डॉ प्रभाकर कुमार एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ अरुण कुमार रॉय महतो ने किया।

इस अवसर पर एनएसएस के महिला स्वयं सेवक आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रशिक्षित हुई। साथ हीं दुसरे छात्राओं को भी मार्गदर्शन देने का कार्य करेंगी। जिसमें मार्शल आर्ट, जूडो, ताईकवांडो, कराटे आदि सीखकर विपरीत और अकल्पनीय स्थिति से सामना करते हुए मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक रूप से अन्य छात्राओं को भी सशक्त बनाएंगी।

कार्यशाला में उपरोक्त के अलावा प्रो. सुनीता कुमारी, प्रो. पी पी कुशवाहा, प्रो. संजय कुमार दास, कार्यालय कर्मी रविंद्र कुमार दास, सदन राम, रवि कुमार यादविंदु, मो. साजिद, दीपक कुमार राय, शिव चन्द्र झा, बालेश्वर यादव, राजेश्वर सिंह, भगन घासी, संजय आदि कॉलेज परिवार के सद्स्य, बड़ी संख्या में छात्राओं की उपस्थिति रही।

 276 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *