बाल विवाह को रोकने में युवा पीढ़ी की भूमिका अहम-अरशद अली

रंजन लाला/कसमार (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में कसमार प्रखंड स्कूल चौक पर स्थित कम्प्यूटर रेवयुलेशन सेंटर में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन व सहयोगिनी के बैनर तले बीते 20 जून को बाल विवाह रोकने को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

उक्त कार्यशाला में आरसीपीपी रांची के रीजनल इंचार्ज अरशद अली, सेवानिवृत्त शिक्षक दुर्गा प्रसाद प्रजापति व जमील अख्तर मुख्य रूप से मौजूद थे।

इस अवसर पर कार्यशाला को संबोधित करते हुए अरशद अली ने कहा कि बाल विवाह अशिक्षा का मुख्य कारण है। जबतक आम जनों में जागरूकता पैदा नहीं होगी तब तक इस कुप्रथा को खत्म नहीं किया जा सकता है। इसलिए बाल विवाह जैसे अपराध को खत्म करने के लिए युवा पीढ़ी को आगे आकर इसे खत्म किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि बाल विवाह पूरी तरह कानूनी अपराध है। अगर कोई भी अभिभावक अपनी बेटियों की शादी 18 वर्ष से नीचे व बेटों की शादी 21 वर्ष से पहले करते हैं, वैसे अभिभावकों के साथ-साथ शादी में शामिल होने वाले जनप्रतिनिधि, रिश्तेदार से लेकर पंडित -मौलबी से लेकर शादी में शामिल होनेवाले सभी जन दोषी होंगे। सभी को दो साल की सजा और एक लाख तक का जुर्माना लग सकता है।

सेवानिवृत्त शिक्षक दुर्गा प्रसाद प्रजापति ने कहा कि बाल-विवाह जैसी सामाजिक बुराई का पूरी तरह अंत के लिए सभी को एक मंच पर आना होगा। बाल विवाह को रोकने के लिए सामाजिक संगठनों, प्रशासनिक अधिकारियों व अभियान में शामिल सभी को सहयोग करनी होगी, तभी बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोक पाएंगे।

जमील‌ अख्तर ने कहा कि सामूहिक प्रयास से ही इस कुप्रथा का अंत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कम उम्र में विवाह से युवक-युवतियों का मानसिक व शारीरिक विकास अवरुद्ध हो जाता है। इसलिए वैसे आमंत्रण में न जाएं, जहां बाल विवाह हो रहा हो।

इस दौरान सभी ने शपथ लेते हुए बाल विवाह रोकने का संकल्प लिया गया। कार्यशाला में विकास गोस्वामी, सेंटर के मोहम्मद जमील अख्तर, पम्मी कुमारी, काजल कुमारी, रितिका कुमारी, तस्लीम रजा, रमजान अंसारी, मोहम्मद सोहेल, अनीश रजा सहित सैकड़ों रहिवासी व् बच्चे मौजूद थे।

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