झारखंड की प्रगति में पत्रकारिता की भूमिका आवश्यक-निर्मल महाराज

रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। पत्रकारिता किसी भी लोकतांत्रिक समाज की नींव है, जिसे चतुर्थ स्तंभ कहा जाता है। इसका कार्य सिर्फ समाचार उपलब्ध कराना नहीं, बल्कि नागरिकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना और मार्गदर्शन करना भी है।

उक्त विचार बोकारो जिला के हद में कसमार रहिवासी पत्रकार निर्मल महाराज के है। महाराज के अनुसार पत्रकार समाज के सजक प्रहरी होते हैं, जिनका दायित्व जनहित में सदैव निर्भीक होकर सत्यता को प्रकट करना और समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है।

उन्होंने बताया कि लोकतंत्र की सफलता में पत्रकारिता की भूमिका अति महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल शासन को पारदर्शी बनाती है, बल्कि जनता की आवाज को भी मजबूती प्रदान करती है। कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में समाचार पत्रों तथा पत्रिकाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है।

तब बाल गंगाधर तिलक, महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस सरीखे महान स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने लेखों के माध्यम से ब्रिटिश शासन के खिलाफ जनमानस को जागरूक किया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा प्रकाशित यंग इंडिया और हरिजन ने स्वतंत्रता संग्राम के लिए देशवासियों को प्रेरित करने में अहम भूमिका निभाई है।

झारखंड के संदर्भ में महाराज ने कहा कि इस क्षेत्र में हिंदी बंगवासी और अमृत बाजार जैसे समाचार पत्रों ने भी इस आंदोलन में जन जागरण का बड़ा कार्य किया और ब्रिटिश शासन के अत्याचारों के विरुद्ध स्थानीय समुदायों को संगठित और एकजुट करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। कहा कि झारखंड राज्य का इतिहास अत्यंत गौरवशाली रहा है।

यह धरती आवा बिरसा मुंडा, सिद्धो कान्हु, चांद -भैरव और नीलांबर- पीतांबर जैसे अनेक वीरो की जन्म भूमि रही है, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा हेतु अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। यहां की जनजातीय सभ्यता, प्राकृतिक संसाधन और सांस्कृतिक विविधताएं हमारी अमूल्य धरोहर है।

प्राकृतिक और खनिज संपदा से संपन्न इस राज्य को रत्नगर्भा कहा जाता है। यह औद्योगिक विकास का एक प्रमुख केंद्र बनने की पूरी क्षमता रखता है। इसके साथ ही झारखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं भी विद्यमान है।

महाराज के अनुसार झारखंड में प्राकृतिक सौंदर्य से सुशोभित यहां की झीलें, झरने, डैम, नदियां, पहाड़, घने जंगल और मनोरंजन दृश्य पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इसके अलावा झारखंड में स्थित बाबा बैजनाथ धाम, बासुकीनाथ धाम, रजरप्पा स्थित छिन्नमास्तिका मंदिर, दिउड़ी स्थित वनदेवी मंदिर, पारसनाथ स्थित भगवान महावीर मंदिर, ललपनिया स्थित लुगु बुरू घंटाबाड़ी, कसमार प्रखंड के सेवाती पहाड़ी जैसे धार्मिक स्थल देश विदेश के श्रद्धालुओं को भी आकर्षित करती है।

उन्होंने बताया कि पर्यटन के क्षेत्र में और भी सक्रिय प्रयासों की आवश्यकता है, ताकि झारखंड को पर्यटन के क्षेत्र में वैश्विक मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान दिलाया जा सके। इस दिशा में समाचार पत्रों के महत्व की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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