प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी द्वारा कृष्णा नगर शिव मंदिर में राजयोग पाठशाला का आयोजन

ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी गिरीडीह द्वारा स्थानीय श्रीकृष्णा नगर के शिव मंदिर में 12 फरवरी को राजयोग पाठशाला का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी बीके क्रीति दीदी ने राजयोग क्या है के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि योग की क्रिया आठ प्रकार की होती है। राजयोग में अपने आप को पहचानना एवं आत्मा के गुणों को पहचानने का योग है।

बीके क्रीति ने कहा कि मानव तब तक सम्पूर्ण मानव नहीं है, जब तक उनमें आत्मा का प्रवेश नहीं है। मानव एक जीव है और आत्मा के प्रवेश करने पर जीवात्मा कहलाता है। उन्होंने कहा कि मानव पांच तत्वों से बना है। हर तत्व का महत्वपूर्ण स्थान है। वहीं आत्मा के सात गुण हैं। हर गुण का महत्वपूर्ण स्थान है। दोनो में किसी भी एक तत्व की कमी हो जाने से बैलेन्स खराब हो जाता है।

उन्होंने कहा कि राजयोग अन्तर जगत की ओर एक यात्रा है। यह स्वयं को जानने और पुन: पहचानने की यात्रा है। राजयोग अर्थात् अपनी भागदौड़ भरी जिन्दगी से थोड़ा समय निकालकर शान्ति से बैठकर आत्म निरीक्षण करना।

उन्होंने कहा कि मनुष्य के आत्मा का मूल स्वभाव और स्वधर्म ही आंतरिक शांति, शक्ति, स्नेह, सुख, प्रेम, आनंद, पवित्रता आदि सद्गुण हैं। जिसको केवल परमात्म ज्ञान एवं राजयोग ध्यान की साधना से साकार किया जा सकता है।

 111 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *