पुनः नियोजन की मांग को ले 6 जिला से आई पोषण सखी ने मंत्री आवास पर दिया धरना

मंत्री पुत्र के आश्वासन के बाद धरना समाप्त

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। झारखंड के 6 जिलों से बोकारो जिला के हद में भंडारीदह स्थित मंत्री आवास पर पहुंची सैकड़ो पोषण सखी द्वारा बीते 5 दिनों से पुनः काम पर रखने तथा मानदेय देने आदि की मांगों को लेकर लगातार धरना दिया जा रहा था। मंत्री पुत्र के आश्वासन के बाद 15 मार्च को धरना समाप्त किया जा सका।

जानकारी के अनुसार झारखंड राज्य एकीकृत पोषण सखी संघ द्वारा बीते 11 मार्च से भंडारीदह स्थित झारखंड सरकार के मंत्री बेबी देवी के आवास पर धरना प्रदर्शन किया जा रहा था। नेतृत्व पोषण सखी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अंजली कुमारी, प्रदेश महासचिव प्रमिला कुमारी, प्रदेश कोषाध्यक्ष तारा गुप्ता आदि कर रही थी। इस अवसर पर पोषण सखी संघ द्वारा धरना के क्रम में कहा गया कि राज्य के 10 हजार 388 पोषण सखी को एक अप्रैल 2022 के बाद सेवा से हटा दिया गया।

जिसके कारण वे पूरी तरह बेरोजगार हो गयी हैं। उन्हें सरकार पुन बहाल करें और एक सम्मानजनक मानदेय दे, अन्यथा वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। इस अवसर पर संघ के प्रदेश महासचिव प्रमिला कुमारी ने कहा कि झारखंड के आंगनबाड़ी केन्द्रों में सरकार द्वारा वर्ष 2017 में पोषण सखी की बहाली की गई थी। सरकार द्वारा उन्हें ₹3000 मासिक मानदेय दिया जा रहा था, जिसमें 70 प्रतिशत केंद्र सरकार तथा 30 प्रतिशत राज्य सरकार की भागीदारी शामिल था।

उन्होंने बताया कि राज्य में कार्यरत 10 हजार 388 पोषण सखी को तत्काल प्रभाव से बैठा दिया गया, बावजूद इसके राज्य सरकार द्वारा कोरोना काल का हवाला देते हुए कहा गया कि बाद में उनका मानदेय भुगतान किया जाएगा, लेकिन सरकार द्वारा किसी प्रकार का मानदेय भुगतान न करते हुए झारखंड सरकार के महिला बाल विकास सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा 24 मार्च 2022 को पत्रांक संख्या 720 के माध्यम से उन्हें एक अप्रैल 2022 से सेवा समाप्त करने सूचना दी गई। इसके कारण उनके परिवार के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

प्रदेश महासचिव प्रमिला ने कहा कि अब उनके पास करो या मरो की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसी बात को लेकर वे सभी मंत्री आवास पर धरना देने को मजबूर हुए। जिसमें झारखंड के 6 जिले यथा धनबाद, गिरिडीह, चतरा, दुमका, कोडरमा तथा गोड्डा जिले के चार सौ से अधिक पोषण सखी संघ से जुड़ी महिला शामिल थी। उन्होंने बताया कि धरना के क्रम में मंत्री पुत्र राजू महतो द्वारा 15 मार्च को यह आश्वासन दिया गया कि लोकसभा चुनाव के कारण अभी इसमें संभवतः बाधा हो सकता है।

लोकसभा चुनाव के बाद मंत्री द्वारा तमाम पोषण सखी की पुनः बहाली के लिए प्रयास किया जायेगा। साथ ही मंत्री पुत्र ने सम्मानजनक मानदेय दिलाने का आश्वासन दिया गया। इसके बाद धरना समाप्ति की घोषणा की गई।

धरना प्रदर्शन में उपरोक्त के अलावा संघ के प्रदेश संरक्षक सोनी पासवान, गिरिडीह जिलाध्यक्ष रजिया खातून, धनबाद जिलाध्यक्ष रूबीया खातून, रीता देवी, बेबी कुमारी, सबीता, पुनम, सावित्री, सरिता, ललिता, पुजा, ममता, ज्योति, रुक्मणि, चिंता, सपना सहित चार सौ से अधिक आंदोलनकारी शामिल थे।

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