पोषण अभियान को देना होगा जन आंदोलन का रूप-उपायुक्त

कुपोषण मुक्त, भ्रूण हत्या व बाल विवाह के प्रति कार्य करने की आवश्यकता-उपायुक्त

एस.पी.सक्सेना/देवघर (झारखंड)। देवघर जिला (Deoghar district) को कुपोषण मुक्त बनाने को लेकर 21 सितंबर को जिला उपायुक्त (District Deputy Commissioner) मंजूनाथ भजंत्री की अध्यक्षता में देवघर प्रखंड के हद में चांदडीह पंचायत के बसमाता आंगनबाड़ी नर्सरी स्कूल में पोषण माह के तहत विशेष पोषण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस दौरान उपायुक्त द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्र में पोषाहार प्रदर्शनी का निरीक्षण करते हुए मौके पर उपस्थित गर्भवती माताओं की गोदभराई एवं नवजात बच्चों का अन्नप्राशन व उनकी लम्बाई, वजन आदि की जांच किया गया।

जांच में ग्रामीण महिलाओं को कुपोषण से बचाव के साथ किशोरियों को एनिमियां से होने वाले दुष्प्रभाव एवं उससे बचाव को लेकर किये जाने वाले उपायों से अवगत कराया गया।

कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त भजंत्री ने उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में कुपोषण हमारे समाज के लिए एक गंभीर समस्या है। इसे दूर करने के लिए हम सभी को मिलकर कार्य करते हुए लोगों के बीच जागरूकता लाने की आवश्यकता है।

हम सभी को चाहिये कि अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहते हुए दूसरों को भी ऐसा करने हेतु प्रेरित करें। इसके लिए सही आहार, सही आदतें एवं अपने आस-पास स्वच्छता को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि आगामी 30 सितम्बर तक चलने वाले पोषण अभियान को एक जनभागीदारी, जन आंदोलन की तरह चलाने के उद्देश्य से सभी का सहयोग आपेक्षित है, ताकि देवघर जिले को पूर्ण रूप से कुपोषण मुक्त बनाया जा सके।

उन्होंने कहा कि अपने घरों में किचन गार्डन को अपनायें। इसमें सब्जी उत्पादन का मुख्य उद्देश्य यह होता है, कि पूरे परिवार को साल भर ताजी शाग-सब्जी मिलती रहे और परिवार के सदस्यों का पोषण स्तर बना रहे।

कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण माह के आयोजन का मुख्य उद्देश्य मानव शरीर के लिए सही पोषण के महत्व और भूमिका पर प्रकाश डालना है। उन्होंने कहा कि आवश्यक पोषक तत्वों और कैलोरी के संयोजन के साथ एक संतुलित आहार मानव शरीर के सुचारू रूप से काम करने और विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

सबसे महत्वपूर्ण है समाज के वंचित एवं कमजोर वर्ग के लोगों तक कुपोषण के कारणों की जानकारी आसानी से पहुंचाई जाए। दूसरी तरफ बच्चों, गर्भवती एवं धातृ महिलाओं को पौष्टिक आहार, एनीमिया, स्वच्छता और साफ सफाई के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए उन्हें जागरूक करने का प्रयास सही तरीके से किया जायेगा, ताकि शहरी क्षेत्रों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करते हुए जीवन में पोषण के महत्व को बताया जा सके।

दूसरी ओर गर्भावस्था के दौरान गर्भवती माताओं का विशेष ध्यान रखा जाय। उनके द्वारा पौष्टिक आहार जैसे-हरी साग-सब्जी, अंडा, दूध, मछली, दाल, अंकुरित अनाज आदि का सेवन किया जाय। इससे जच्चा एवं बच्चा दोनों स्वस्थ्य रहेंगे एवं कुपोषण जैसी समस्या का भी सामना नहीं करना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि गर्भवती एवं धात्री माताओं के अलावा किशोरी बालिकाओं को भी संतुलित आहार लेना चाहिये एवं समय-समय पर स्वास्थ्य संबंधी जाँच कराया जाना चाहिये। जब तक वे स्वयं स्वस्थ नहीं रहेंगी, तब तक वे अपने परिवार को स्वस्थ नहीं रख सकती है। इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण स्वच्छता संबंधी अच्छी आदतों को अपनाते हुए दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।

कार्यक्रम के दौरान तेजस्वीनी क्लब के सदस्यों द्वारा पोषण के महत्व को बताने के उद्देश्य से पोषण रंगोली कार्यक्रम का निरीक्षण उपायुक्त द्वारा किया गया। इस दौरान कुपोषण से लड़ने हेतु किन-किन चीजों का सेवन करना आवश्यक है, इसकी जानकारी सभी को पोषण रंगोली बनाकर उपलब्ध कराई गई।

इसके निर्माण में हरी सब्जियों के साथ, पौष्टिक आहार, फल आदि के साथ शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने वाले राशन का इस्तेमाल किया गया, जिसकी सराहना करते हुए उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि कुपोषण से लड़ाई के विरूद्ध पहला कदम पौष्टिक आहार और हरी सब्जियां ही है।

कार्यक्रम के दौरान नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को सही मायने में चरितार्थ करने का आग्रह उपायुक्त ने किया। कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त ने वर्तमान में देवघर जिला में घटते लिंगानुपात को देखते हुए कहा कि हम सभी को मिलजुल कर बेहतर तरीके से कार्य करने की आवश्यकता है, ताकि इस घटते आंकड़े को रोकते हुए इसे बेहतर बनाया जा सके।

उन्होंने कहा कि आज के समय में अल्ट्रासाउंड जांच में गर्भस्थ शिशु के ‘‘लिंग‘‘ की जांच करने और कराने के खिलाफ लोगों में जागरूकता फैलाना अतिआवश्यक है। गर्भवती महिला की अल्ट्रासाउंड जांच का इस्तेमाल गर्भस्थ शिशु के विकास की गतिविधियों पर नजर रखकर उसकी खामी दूर करने के लिए होना था।

मगर इसका गलत इस्तेमाल कन्या भ्रूण हत्या के लिए किया जा रहा है। ऐसे में जरूरत है कि हम सभी मिलजुल कर बाल विवाह व कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुप्रथा को समाज से दूर करें। इस दौरान जिला समाज कल्याण पदाधिकारी परमेश्वर मुंडा, डीसी सेल के अधिकारी अमृता, देबांजली, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, तेजस्वीनी क्लब के कलस्टर कॉ-ऑर्डिनेटर, अंगनबाड़ी केन्द्र के सहिया, सेविका आदि उपस्थित थे।

 

 240 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *