जुलूस के लिए एकत्रित कार्यकर्ताओं को पुलिस प्रशासन ने घेरा

एसडीओ, डीएसपी, मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देकर सेना में स्थाई बहाली की मांग की

अग्निपथ कानून वापस हो अन्यथा छात्र- युवाओं के आंदोलन को समर्थन-आइसा

एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। अग्निपथ कानून वापस लेने एवं सेना के सभी तीनों संस्थानों के सभी पदों पर स्थाई बहाली को लेकर आइसा- इनौस के बिहार बंद को महागठबंधन दलों के समर्थन से भाकपा माले, आइसा, इनौस, आदि।

ऐपवा के कार्यकर्ताओं ने 18 जून को समस्तीपुर शहर (Samastipur City) के स्टेडियम गोलंबर से ज्योंही जुलूस निकालने लगा, अनुमंडलाधिकारी रवींद्र कुमार दिवाकर, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी फाकरी, मजिस्ट्रेट समेत बड़ी संख्या में पुलिस बलों ने जुलूस को रोक लिया। मौके पर सर्वदलीय कार्यकर्ताओं ने अधिकारियों को उक्त मांगों से संबंधित स्मार- पत्र सौंपा।

इस अवसर पर उपस्थित माले राज्य कमिटी सदस्य बंदना सिंह, प्रमिला राय, आइसा के मनीषा कुमारी, द्रख्शा जबी, सुनील कुमार, लोकेश राज, राजू कुमार झा, सोनू कुशवंशी, धीरज कुमार, इनौस के राम कुमार, कृष्ण कुमार, मो. सितारे, भाकपा माले के जीबछ पासवान, उपेंद्र राय, ललन कुमार, अनील चौधरी, सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, प्रेमानंद सिंह, अशोक कुमार, मो. नईम, सुनील कुमार राय, देवेंद्र ठाकुर आदि उपस्थित थे।

भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य सह ऐपवा जिला अध्यक्ष बंदना सिंह ने यहां आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सिर्फ 4 साल के लिए सेना में नौकरी देने का कानून युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ के साथ सीमा एवं देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सरकार इसे अविलंब वापस ले। आइसा जिला सचिव सुनील कुमार एवं अध्यक्ष लोकेश राज ने कहा कि सेना में खाली पड़े सभी पदों पर स्थाई बहाली की मांग को लेकर आइसा- इनौस छात्र- युवाओं के तमाम शांतिपूर्ण आंदोलन को समर्थन देगी।

माले नेता जीबछ पासवान ने बिहार बंद को पूरी तरह सफल बताया। माले नेता ने कहा कि बंद के दौरान सड़क विरान रहा। लोग सड़क पर न के बराकर थे। यातायात पूरी तरह से बंद रहा। सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति भी कम देखी गई।

पुलिस प्रशासन सक्रिय दिखी। उन्होंने कहा कि आंदोलन को रोकने को लेकर जदयू- भाजपा सरकार (BJP Government) के ईशारे पर जिला में सोई अवस्था में धारा-144 लगाना एवं इसका प्रचार- प्रसार नहीं कराना, बंद समर्थक दलों को टेलीफोन से जानकारी नहीं देना जिला प्रशासन का तानाशाही भरा कदम है।

आंदोलन रोकने को लेकर प्रशासन (Administration) के इस कदम की भाकपा माले निंदा करती है एवं मांग पूरा होने तक निरंतर आंदोलन चलाने की घोषणा करती है।

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