फुसरो नगर परिषद क्षेत्र में जगह-जगह कचरे का अंबार

अधिकारी और जनप्रतिनिधि मस्त, जनता त्रस्त

नंद कुमार सिंह/फुसरो (बोकारो)। बोकारो जिला (Bokaro District) केेेेेे हद में फुसरो नगर परिषद के तीसरे कार्यकाल का 3.5 वर्ष पूरे हो चुके है।

मात्र 18 महीने बाद पुनः नगर परिषद का चुनाव होने वाला है। क्या वर्तमान अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दुबारा जीत के आयेंगे। ये तो चुनाव के बाद पता चलेगा। परंतु तीसरे कार्यकाल से बेरमो की ज्यादातर जनता रूष्ट नजर आ रही है।

नगर परिषद की और से कई बड़ी बड़ी योजनाएं चल रही है। ऐसी संभावना वयक्त की जा रही है कि नप के अधिकारी जनता के मूलभूत समस्याओं को दरकिनार कर दिए है। सबसे ज्यादा जरूरत सफाई की है।

उस पर नगर परिषद के अधिकारियों को बिलकुल ध्यान नहीं है। हर तरफ कचड़े का अंबार लगा हुआ है। कॉलोनियों में झाड़ू तो तीसरे कार्यकाल में लगा ही नहीं है। मजबूरन जनता खुद से झाडू लगाने को मजबूर है। दुर्गा पूजा जैसे त्योहार में पूजा समिति खुद से सड़क पर झाड़ू लगवाए थे।

नगर परिषद के द्वारा सिर्फ फुसरो मुख्य बाजार के सड़क पर झाड़ू लगाया जाता है। इसके पूर्व के कार्यकाल में प्रत्येक वार्ड में 2-2 सफाई कर्मी दिया गया था। जिनके द्वारा पूरे वार्ड में सफाई का कार्य करवाया जाता था।

वो सफाई कर्मी पूरे वार्ड में झाड़ू से लेकर साफ सफाई सप्ताह में एक से दो बार करते थे। जिससे पूरा नगर स्वच्छ और सुंदर हुआ करता था। वो लोग ठेला से कचड़ा उठा कर नगर परिषद के ट्रैक्टर में डाल कर फेकवाते थे। मौजूदा कार्यकाल में सभी सफाई की व्यवस्था चौपट हो जान पड़ता है।

वर्तमान कार्यकाल का आलम ये है कि जनता के अनुसार नही अधिकारियों के अनुसार कार्य हो रहा है। पत्रकार लगातार समस्या रख रहा है। परंतु पत्रकारों की आवाज को नही सुना जा रहा है। पत्रकारों के घर के पास की नाली विगत छह महीने से जाम है। पत्रकार के द्वारा लगातार अध्यक्ष को बोलने के बाद भी सफाई नहीं हुआ।

जानकारी के अनुसार पूर्व में एक वार्ड पार्षद 36 प्रतिशत कमीशन की बात की थी। सूत्रों से जानकारी मिली कि 36 नही 42 प्रतीश कमीशन है। इसकी जांच क्यों नही हो रही है कि ये कमीशन किसको किसको मिलता है। अभी वो वार्ड पार्षद नगर परिषद के साथ खड़ा है।

इसको क्या समझा जाय की वो खुद 3 प्रतिशत लेने की बात किए थे। ये जांच का विषय है। नगर विकास मंत्रालय को निष्पक्ष होकर नगर परिषद फुसरो के तीसरे कार्यकाल की सभी योजनाओं की जांच करनी चाहिए। चाहे वो सड़क, नाली, पेवर ब्लॉक का काम हुआ हो।

बताया जाता है कि फुसरो नप क्षेत्र के शौचालय का उद्घाटन होने के वावजूद उसमें ताला लगा हुआ है। फिर उद्घाटन क्यों किया गया था? अगर वहां कोई समस्या थी तो उक्त स्थान का चयन कौन किया था? हाईमास्क लाइट लगी जो ज्यादातर बंद है। उसमें आज तक लाइट को ऊपर नीचे करने वाला मोटर नही लगा है।

कुछ वर्षो तक संवेदक की जिम्मेवारी बनती है कि जो लाइट नही जल रहा है उसे सही करे। क्योंकि वो गारंटी पीरियड में है। करगली बाजार में टावर के खंभे के चपेट में आने से एक भैंस मर गई थी।लाइट आज भी बुझी हुई है। कचरे के ढेर में नगर परिषद क्षेत्र और सर्वे में छठा स्थान।अधिकारी और जनप्रतिनिधि मस्त है और जनता त्रस्त है।

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