स्कूल रुआर अभियान से संबंधित कार्यशाला का आयोजन

विद्यालयों में बच्चों की नियमित उपस्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता-उपायुक्त

एस. पी. सक्सेना/देवघर (झारखंड)। स्कूल रुआर 2022 अभियान से संबंधित कार्यशाला का आयोजन देवघर जिला (Deoghar district) उपायुक्त मंजुनाथ भजंत्री की अध्यक्षता में 8 अप्रैल कॉ देवघर कॉलेज ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया।

इस दौरान उपायुक्त (Deputy Commissioner) द्वारा जानकारी दी गई कि यह अभियान 5 अप्रैल से 4 मई तक पूरे जिले में चलाया जाएगा। जिसके तहत 6 वर्ष से 18 वर्ष के बच्चों को पुनः स्कूल जाने हेतु प्रेरित किया जाएगा।

कार्यशाला के दौरान उपायुक्त भजंत्री ने कहा कि पिछले कुछ समय से पूरा विश्व जिस महामारी से गुजरा है उसका सबसे बुरा असर स्कूल जाने वाले छात्रों पर पड़ा हैं। सारे बच्चे घर पर रहकर ऑनलाइन पढ़ाई तो कर रहे थे लेकिन इसमें शिक्षा का वो स्तर या फिर छात्रों में वो रुचि नही दिख रही थी।

स्कूल रूआर के माधयम से वैसे बच्चे जो पुनः स्कूल खुलने के बाद स्कूल नही जा पा रहे थे, उन बच्चों को पुनः स्कूल लाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड की वजह से पेरेंट्स अपने काम में व्यस्त थे। बच्चे मोबाइल, लैपटॉप, कम्प्यूटर से ऑनलाइन क्लास में व्यस्त रहते थे।

दूसरी ओर एक बार फिर से बच्चों को समाज से रि-कनेक्ट करने की आवश्यकता है। कोविड कि वजह से इंटरनेट (Internet) पर हमारी निर्भरता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। दूसरी ओर देखा जाए तो इस इंटरनेट के लाभ के साथ ही कुछ नुकसान भी हैं। बच्चों के लिए इंटरनेट पर ज्ञान का भंडार भी है, तो दूसरी ओर गेमिंग की बुरी लत भी है।

इंटरनेट हम फोन या कंप्यूटर के माध्यम से इस्तेमाल करते हैं। मानसिक बीमारी के साथ-साथ इससे निकलने वाली रोशनी के आगे ज्यादा देर बैठने से आंखों पर बुरा असर पड़ता है। अब कोविड खत्म होने के बाद हम सभी को ये ध्यान रखने की आवश्यकता है कि ज्यादा देर इंटरनेट का इस्तेमाल बच्चे न करें। ऑनलाइन गेम खेलने से दूरी बना लें।

उन्होंने कहा कि हमारे समाज को बेहतर दिशा और हमारे आने वाले पीढ़ी हमारे बच्चो के बेहतर भविष्य भी प्रदान करते है। उन्होंने जिले के सभी सरकारी व निजी संस्थानों के शिक्षकों के कार्यशैली की तारीफ करते हुए सभी का आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि कोविड के दो साल बाद स्कूलों में बच्चों को एक बार फिर से प्रोत्साहित करते हुए तनाव मुक्त और रोचक तरीके से शिक्षा प्रदान करना ही प्रत्येक शिक्षक का उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से शिक्षा व्यवस्था में लगातार परिवर्तन आ रहा है। ऐसे में शिक्षक बच्चों को सिखाएं कि ज्ञान क्या है।

कहां से और कैसे प्राप्त किया जा सकता है। यह व्याख्या बच्चों को सिखा देने वाला ही शिक्षक सफल है। उन्होंने कहा कि अच्छी पढ़ाई हमेशा तनाव मुक्त रहकर की जा सकती है। जब भय नहीं होगा तो रोचक चीजें अच्छी तरह समझाई जा सकती हैं। उपायुक्त ने कहा कि समाज के बदलाव और राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों का बड़ा योगदान है।

इस अवसर पर जिला (District) शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि पूरे 2 वर्षों तक शिक्षा व्यवस्था ठप थी। पूरे जिले में 1 माह तक स्कूल रुआर कार्यक्रम चलेगा। हम सभी मिलकर ड्राप आउट को कम करने का प्रयास करें।

एक भी बच्चे विद्यालय से बाहर नहीं रहे। सभी का नामांकन विद्यालय में हो तथा सब की उपस्थिति विद्यालय में रहे। इसे हमें सुनिश्चित करना है। कार्यशाला में उपरोक्त के अलावे जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रवि कुमार, शिक्षा विभाग के शिक्षकगण, अधिकारी, जनप्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।

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