विश्व जल दिवस पर जिला स्तरीय संवाद कार्यशाला का आयोजन

उपायुक्त, उप विकास आयुक्त, जन प्रतिनिधि, प्रखंड समन्वय, जलसहिया आदि हुए शामिल

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। समाहरणालय स्थित सभागार में बोकारो जिला उपायुक्त कुलदीप चौधरी की अध्यक्षता में विश्व जल दिवस पर 22 मार्च को जिला स्तरीय संवाद कार्यशाला का आयोजन किया गया। मौके पर उप विकास आयुक्त कीर्तीश्री, सांसद प्रतिनिधि आर एन ओझा, बोकारो विधायक प्रतिनिधि संजय त्यागी, आदि।

गोमियां विधायक प्रतिनिधि विमल जयसवाल, जिला परिषद उपाध्यक्ष हीरा लाल मांझी, कार्यपालक अभियंता चास संजय प्रसाद, कार्यपालक अभियंता तेनुघाट राम प्रवेश राम, डीपीआरओ राज शेखर, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार आदि उपस्थित थे।

अपने संबोधन में जिला जल एवं स्वच्छता समिति के अध्यक्ष सह उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने कहा कि पानी की कमी से होने वाली परेशानियों और पानी के बचाव को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने विश्व जल दिवस की शुरुआत की थी।

हर साल संयुक्त राष्ट्र की ओर से विश्व जल दिवस को मनाने के लिए एक थीम तय किया जाता है। इस बार का थीम ग्राउंडवाटररः मेकिंग द इंविजिबल टू विजिबल है। यानी भूजलरः अदृश्य को दृश्यमान बनाना है। विश्व में पीने के पानी का लगभग आधा हिस्सा भूजल से प्राप्त किया जाता है। इस साल विश्व जल दिवस के थीम के अनुसार भू-जल को खोजना, बचाना और ठीक तरह से इस्तेमाल करना होगा।

बताया गया कि पूरे पृथ्वी का 71 फीसद हिस्सा पानी है। वहीं मानव शरीर में 60 फीसद पानी है। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमारे जीवन में पानी का क्या महत्व है। पानी की महत्ता को तो हम समझ रहे है, लेकिन इसकी संरक्षण को लेकर हम गंभीर नहीं है। पानी का संरक्षण करने का दायित्व हम सबका है। समाज के हर व्यक्ति, वर्ग व इकाई का इसमें अहम रोल है।

हम सबों को इसके लिए संयुक्त रूप से आगे आना होगा। वर्ष 2024 तक राज्य सरकार ने हर घर तक नल-जल योजना के तहत पेयजलापूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है। कहा गया कि बोकारो जिले में लगभग एक लाख 26 हजार घरों तक नल से पेयजलापूर्ति की जा रही है। आगे भी कार्य प्रगति पर है। ऐसा करने वालों में बोकारो जिला सूबे के अग्रणी जिलों में शामिल है।

अपने संबोधन में उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने वाटर रिचार्ज पर जोड़ देने पर बल दिया। उन्होंने घरों के निर्माण में वाटर रेन हार्वेस्टिंग, चापाकलों एवं अन्य जल श्रोतों के समीप शाकपीट बनाने को कहा। कार्यपालक अभियंता चास एवं तेनुघाट को इस दिशा में सकारात्मक पहल करने को कहा। उन्होंने कहा कि विभाग, पंचायती राज एवं डीएमएफटी मद से इन कार्यों को पूरा किया जाएगा।

जल सहियाओं को सशक्त बनाने, पेयजल श्रोतों के पानी की गुणवत्ता की जांच करने को लेकर सभी प्रखंडों के जल सहियाओं को प्रशिक्षण देकर कार्य करने, लोगों को पानी का सही इस्तेमाल करने एवं उसके संरक्षण के प्रति जागरूक करने आदि के संबंध में विस्तार से दिशा-निर्देश दिया।

मौके पर उपस्थित जिला जल एवं स्वच्छता समिति के उपाध्यक्ष सह उप विकास आयुक्त कीर्तीश्री ने कहा कि हमें सभी लोगों के घरों तक स्वच्छ एवं गुणवत्तापूर्ण जल पहुंचाना है। इसके लिए जल की महत्ता से संबंधित जागरूकता के लिए लोगों के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार करें।

उन्होंने जल की गुणवत्ता जांच के लिए विभाग द्वारा जल सहियाओं को उपलब्ध कराई गई कीट का सही इस्तेमाल कर जिले में संचालित विभिन्न विद्यालयों/आंगनबाड़ी केंद्रों के जल श्रोतों की जांच कर उसका रिपोर्ट झार डॉट जल एप पर नियमित अपलोड करने को कहा।

मौके पर बोकारो विधायक प्रतिनिधि संजय त्यागी, गोमियां विधायक प्रतिनिधि विमल जयसवाल, जिला परिषद उपाध्यक्ष हीरा लाल मांझी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी बीणा कुमारी ने भी अपना वक्तव्य रखा। क्षेत्र में कार्य कर रही जल सहिया सुमित्रा मंडल, उषा देवी एवं अनीता देवी ने भी अनुभव साझा किया।

उधर, दोनों कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने जिले में पेयजल गुणवत्ता की जांच के लिए की गई तैयारी, प्रशिक्षण एवं पंचायत के पांच-पांच महिलाओं को प्रशिक्षित किए जाने के संबंध में कार्यशाला में उपस्थित अधिकारी/कर्मी आदी को जानकारी दी।

बताया कि विभाग के निर्देशानुसार जल जीवन मिशन के तहत विश्व जल दिवस पर साप्ताहिक अभियान (22 से 28 मार्च तक) आयोजित किया जाएगा। इसके तहत अलग-अलग कार्यक्रम कर सभी हितधारकों को जल एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाएगा।

मौके पर क्षेत्र में जल जांच/स्वच्छता सर्वे/ जल कनेक्शन एवं जल कर वसूली में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दस जल सहियाओं को उपायुक्त/उप विकास आयुक्त समेत अन्य अतिथियों द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। जिन जल सहियाओं को सम्मानित किया गया उनमें चास प्रखंड के काशी-झरिया पंचायत की सुमित्रा मंडल, चास प्रखंड के अलकुशा पंचायत की लिला देवी, आदि।

चन्दनकियारी प्रखंड के चन्द्रा पंचायत की झुमाबाला गोप, जरीडीह प्रखंड के खुटरी पंचायत की सुशीला देवी, चन्द्रपुरा प्रखंड के करमाटांड पंचायत की अनिता देवी, बेरमो प्रखंड के बेरमो पूर्वी पंचायत के तुषा देवी, गोमियां प्रखंड के हजारी पंचायत के बेबी देवी, कसमार प्रखंड के दांतु पंचायत की रेखा देवी, पेटरवार प्रखंड के बुण्डु पंचायत की ममता देवी एवं नावाडीह प्रखंड के भालमारा पंचायत के संगीता देवी शामिल है।

कार्यशाला में उपरोक्त के अलावा पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के जिला समन्वयक अरविंद गोस्वामी, मुकुल रवानी, सभी प्रखंडों के सहायक अभियंता, प्रखंड समन्वयक, जल सहिया आदि उपस्थित थे।

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