प्रखंड कार्यालय में विधिक सेवा सह सशक्तिकरण शिविर का आयोजन

एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में बेरमो प्रखंड कार्यालय सभागार में 8 सितंबर को विधिक सेवा सह सशक्तिकरण शिविर का आयोजन किया गया।

शिविर का शुभारंभ जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय फहीम किरमानी, व्यवहार न्यायालय तेनुघाट के सिविल जज राजेश रंजन कुमार (सिनियर डिवीजन) सह न्यायिक दण्डाधिकारी, बेरमो प्रखंड विकास पदाधिकारी मुकेश कुमार, अंचल अधिकारी संजीत कुमार सिंह, बेरमो प्रखंड प्रमुख गिरजा देवी, बेरमो थाना प्रभारी रोहित कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।

शिविर में बाल शोषण, दहेज प्रथा, महिला उत्पीड़न, छेड़खानी, डायन प्रथा आदि विषय पर जानकारी दिया गया। अध्यक्षता प्रखंड विकास पदाधिकारी मुकेश कुमार ने की। कार्यक्रम का संचालन बंटी मिश्रा ने किया। इस अवसर पर कहा गया कि शिविर के माध्यम से क्षेत्र के रहिवासियों को कानून की जानकारी देनी है, ताकि वे अपने अधिकार को जाने और उसका लाभ ले सके।

कहा गया कि विधिक सेवा बुनियादी तौर पर आमजनों को लीगल एडवाइस देने का काम करता है, इसके साथ ही कानूनी सहायता भी प्रदान करती है। जिसका दायरा अब काफी बढ़ गया है। कहा गया कि कई बार जज के निर्णय को गलत ठहराया जाता है। अगर किसी को जज के निर्णय से ऐतराज हो तो वह हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते है। इसके लिए विधिक सेवा मदद करता है।

शिविर में कहा गया कि भारत लोकतांत्रिक देश है। यहां जनता का सरकार है, जो संविधान और कानून से चलता है।
इस अवसर पर जज फहीम किरमानी ने कहा की सरकार की योजनाओ को सही एवं पारदर्शी रूप से लाभूको को देना सबकी जिम्मेदारी बनता है। उन्होंने विधिक सेवा से जुड़े नियमो को बताया।

कहा कि अगर अधिकार नहीं मिल रहा हो तो कोर्ट के माध्यम से सहयोग किए जाते हैं। न्यायिक एवं विधिक सेवा के तहत अधिकार दिलाने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि विधिक सेवा एक कड़ी है, जो कानूनन रूप से सहयोग कर सकता हैं।
सिविल जज राजेश रंजन ने कहा कि छोटे-मोटे घरेलू मामलो का निपटारा जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सामाजिक स्तर पर करें।

थाना में कागजी कार्रवाई शुरू होने के बाद न्यायालय से ही जजमेंट मिलता है। कहा कि महिलाएं जागरूक होकर आगे आ रही है और सशक्त हो रही है। महिला अधिकार को जानते हुए अपने घर और परिवार को भी साथ लेकर चलने का काम करें। कहा कि अज्ञानता अपराध की जननी है, इसलिए शिक्षित बने। प्रखंड विकास पदाधिकारी मुकेश कुमार व सीओ संजीत कुमार सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे योजनाएं समाज के गरीब और असहायों को सशक्त करने का एक बेहतर माध्यम है।

कहा गया कि सभी माता-पिता अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें। पुत्र-पुत्री में कोई भेदभाव न करें। बेरमो थाना प्रभारी रोहित कुमार सिंह ने कहा कि अत्याचार करना अगर अपराध है तो अत्याचार को सहने से अपराध बढ़ता है। ये दोनों बाते कोई परिवार अगर अत्याचार करता है। कोई घरेलू हिंसा करता है तो उसका विरोध कीजिए।

विरोध करना एक सार्थक तरीका है। इससे अपराधी का मनोबल कम होता है और उसमे सुधार आता है। हर अपराध के लिए जैसे परिवार में मतभेद होता है और छोटी छोटी बातों से घर टूटता है। उन अपराधी को घर परिवार में अगर रोका जाता हैं, उसका विरोध किया जाता हैं तो अवश्य हीं परिवार में मतभेद नहीं होता है।

शिविर में गोद भराई एवं मुंह जुठी रस्म पूरा की गई। मुख्य अतिथि तेनुघाट अपर सत्र जज फहीम किरमानी द्वारा झारखंड की अति महत्वाकांक्षी योजना मंईयां सम्मान योजना में स्वीकृत लाभूक महिलाओ और छात्राओं को प्रमाण पत्र दिया गया। इस दौरान सावित्रीबाई फूले किशोरी सम्मृद्धि योजना के तहत किशोरियों को भी स्वीकृति प्रमाण पत्र दिया गया।

मौके पर बेरमो प्रखंड प्रमुख गिरजा देवी, पेनल अधिवक्ता उमेश प्रसाद, पीएलवी विष्णु कुमार मिश्रा, सीडीपीओ गीता सोया, कनीय अभियंता अजीत साह, प्रकाश कुमार सहित आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका आदि उपस्थित थे।

 48 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *