प्रबंधन के आग्रह पर जमसं का आमरण स्थल पहुंचे ओपी प्रभारी

नियोजन के सवाल पर आउटसोर्सिंग कंपनी की आनाकानी के कारण अटकी वार्ता

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में सीसीएल कथारा प्रबंधन द्वारा बीते 19 अगस्त को विस्थापितों के नियोजन के मुद्दे पर सम्पन्न वार्ता विफल होने के बाद 20 अगस्त से जनता मजदूर संघ द्वारा आमरण अनशन शुरु किया गया। नेतृत्व जमसं कथारा क्षेत्रीय सचिव कामोद प्रसाद कर रहे हैं।

जानकारी के अनुसार सीसीएल कथारा क्षेत्र के कथारा कोलियरी में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी में विस्थापितों को नियोजन देने की मांग को लेकर 20 अगस्त से अमरण अनशन शुरू किया गया। बताया जाता है कि क्षेत्रीय प्रबंधन के आग्रह पर 22 अगस्त को कथारा ओपी प्रभारी राजेश प्रजापति अनशन स्थल पहुंचकर अनशनकारियों से अनशन समाप्त करने का आग्रह किया।

उनके साथ कथारा कोलियरी के कार्मिक प्रबंधक गुरु प्रसाद मंडल, सुरक्षा प्रभारी रामनाथ राय तथा आउटसोर्सिंग कंपनी बीकेबी के प्रतिनिधि भी थे। बताया जाता है कि काफी मान मनौव्वल के बाद भी निष्कर्ष सिफर रहा, कारण कि आउटसोर्सिंग कंपनी बीकेबी के प्रतिनिधि द्वारा कहा गया कि कोलियरी प्रबंधन जबतक उत्पादन के लिए अतिरिक्त जगह नहीं मुहैया कराती है तबतक मशीन तथा सामग्री ढूलाई के लिए वाहन नहीं लगाया जा सकता है।

इस स्थिति में न तो चालक और न हीं ऑपरेटर अथवा मजदूर लगाया जा सकता है। यहां आउटसोर्सिंग कंपनी प्रतिनिधि द्वारा नियोजन देने में आनाकानी के कारण अनशन समाप्त नहीं किया जा सका।

जानकारी देते हुए जमसं क्षेत्रीय सचिव कामोद प्रसाद ने बताया कि स्थानीय विस्थापितों को झारखंड सरकार के निर्देश के आलोक में 75 प्रतिशत नौकरी, ठेका आदि कार्यों में प्राथमिकता देने को लेकर कथारा कोलियरी में कार्यरत आउटसोर्सिंग ठेका कंपनी बीएलए (आरए माइनिंग) तथा बीकेबी में नियोजन की मांग को लेकर उक्त अनशन शुरू किया गया।

क्षेत्रीय सचिव ने बताया कि प्रबंधन के आडियल रवैया के कारण कथारा कोलियरी के आसपास के लगभग आधा दर्जन गांवो के विस्थापित बेरोजगार होकर रोजगार की तलाश में अन्यत्र पलायन करने को विवश है।

उन्होंने कहा कथारा ओपी प्रभारी द्वारा अनशन कर रहे तीन निजी चालकों को तत्काल नियोजन देने की बात कही जा रही थी बावजूद इसके आउटसोर्सिंग कंपनी प्रतिनिधि नियोजन देने से साफ इंकार किया गया, जिसके कारण यह आंदोलन आगे भी जारी रहेगा।

अनशन स्थल पर उपरोक्त के अलावा रीतलाल महतो, पप्पू यादव, अनीश, खुर्शीद आलम, इरफान अंसारी, संजय यादव, इकबाल अंसारी, हजरत अंसारी, मंटू यादव, सुरेश गिरि, जागेश्वर रजवार, जगदीश गिरि, शाहिद रजा, इम्तियाज अहमद, महेंद्र यादव, नूर हसन, बाहलूद्दीन, कमरुल, नेहाल सरबर, मकसूद अंसारी आदि आंदोलनकारी उपस्थित थे।

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