मनपा की लापरवाहियों ने ली महिला की जान

अधिकारियों पर हत्या का मामला दर्ज हो- आशा मराठे

मुंबई। गुरूवार की सुबह करीब साढ़े आठ बजे भारी बारिश के दौरान एक नारियल का पेड़ टूटकर गिरने से कंचन नाथ नामक महिला बुरी तरह घायल हो गई। जिसे स्थानीय लोगों ने काफी मशक्कत के बाद गिरे हुए पेड़ के नीचे से निकाला और घायल अवस्था में महिला को स्थानीय सुश्रुत हॉस्पिटल एन्ड रिसर्च सेंटर में भर्ती करा दिया। गंभीर रूप से घायल कंचन इलाज के दौरान शनिवार की सुबह करीब साढ़े पांच बजे दम तोड़ दिया।

मिली जानकारी के अनुसार स्वस्तिक चेंबर स्थित सुश्रुत हॉस्पिटल एन्ड रिसर्च सेंटर के सामने प्रवासी को-ऑप हाउसिंग सोसायटी की रहने वाली करीब 50 वर्षीय कंचन नाथ नामक महिला गुरूवार की सुबह करीब साढ़े आठ बजे चंद्रोदय को-ऑप हाउसिंग सोसायटी की तरफ से अपने घर जा रही थीं। इस दौरान चंद्रोदय सोसायटी के बाउंड्री से सटे एक नारियल का पेड़ टूट कर उनके ऊपर गिर पड़ा।

जिससे उन्हें काफी गंभीर चोटे आई, हालांकि इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने उन्हें गंभीर हालत में पेड़ के नीचे से निकाला और आननं- फाननं में सुश्रुत हॉस्पिटल में एडमिट करा दिया। यहां के डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन इलाज के दौरान शनिवार की सुबह करीब साढे पांच बजे कंचन ने दम तोड़ दिया।

इस मुद्दे पर वार्ड क्रमांक 152 की नगरसेविका आशा सुभाष मराठे ने मनपा पर आरोप लगाया है कि विभागीय लापरवाहियों के कारण यह मौत हुई है। चूंकि इस पेड़ को काटने के लिए 27 फरवरी 2017 को एक पत्र परिमंडल पांच के उपायुक्त को दिया गया था। इतना ही नहीं मनपा द्वारा पेड़ काटने की फीस 1380 रूपये भी जमा की जा चुकी है। इसके बावजूद मनपा कर्मियों की लापरवाहियों के कारण यह हादसा हुआ है। इस लिहाज से मनपा एम पश्चिम ट्री एन्ड गार्डन विभाग के अधिकारियों पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए।

गौरतलब है कि स्व. कंचन के पति रजत नाथ ने मनपा के अधिकारियों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने शासन और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि उपरोक्त बातों को देखते हुए मनपा के अधिकारियों व कर्मचारियों पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए। वहीं चंद्रोदय को-ऑप हाउसिंग सोसायटी के सचिव अरूण कुमार दिनकर पोल ने बताया की इससे पहले वर्ष 2016 के शुरूआती दौर में हमने दो अलग-अलग पत्र मनपा को दिया था।

उक्त पत्रों में पांच-पांच कर कुल दस पेड़ों को काटने की बात लिखी गई थी। लेकिन मनपा के भ्रष्ट अधिकारियों ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया जिसके कारण सामाजिक महिला की मौत हो गई। वहीं इस सोसायटी के अध्यक्ष जगन्नाथ गणपत दरवेशी का कहना है कि यहां के खतरनाक पेड़ों को काटने के लिए मनपा से मंजूरी मांगी गई थी। इसकी फीस भी जमा की जा चुकी है। लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा की हमारी जगह कोई बिल्डर इन अधिकारियों को कहता तो बिना संकोच के ये लोग हरे भरे पेड़ों को काटने में गुरेज नहीं करते।

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