मुश्ताक खान/ मुंबई। करीब दो दशक से मुंबई के महालक्ष्मी स्टेशन से सटे कैफे जॉज में कुक की हैसियत से काम कर रहे राजेश बिजल दास (38) की अचानक 12 दिसंबर की देर रात मौत हो गई। मृतक झारखंड राज्य के गिरिडीह जिला, बगोदर (सरिया), ग्राम बनपुरा का रहने वाला था। इसकी जानकारी मिलते ही झारखंडी एकता संघ के सदस्यों ने इसे प्राथमिकता से लिया और सरकारी प्रक्रियाओं को पूरा कर उसके शव को 13 दिसंबर को हवाई जहाज से रांची के लिए रवाना कर दिया। ताकि अंतिम क्षणों में दास के परिजन उसके शव का दीदार कर सकें।
झारखंडी एकता संघ के लगभग सभी सदस्य सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। बताया जाता है कि मुंबई में रहने वाले झारखंड के लोगों से जुड़ी समस्याओं को तन, मन और धन से सुलझाने की कोशिश भी करते हैं। जेईएस के अध्यक्ष असलम अंसारी, राष्ट्रीय महासचिव विजय प्रसाद व ताजुद्दीन अंसारी, सदरुल शेख आदि से मिली जानकारी के अनुसार मृतक दास महालक्ष्मी स्टेशन से सटे कैफे जॉज में पिछले करीब दो दशक से कार्यरत थे।
जेईएस के अध्यक्ष असलम अंसारी ने बाताया कि मृतक के शव को 13 दिसंबर को मुंबई से रांची के लिए रवाना कर दिया गया। इसके बाद रांची में जेईएस के कार्यकर्ताओं ने मृतक राजेश दस के पैतृक गांव बनपुरा के लोगों के सहयोग से शव को उसके परिजनों को सौंप दिया। बताया जाता है कि मृतक राजेश दास के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग जुटे थे। मृतक राजेश दास के शव को जेईएस के सदस्यों ने अपने खर्च पर मुंबई से रांची व उसके गांव तक भेजा।
बताया जाता है कि मृतक राजेश दास के तीन बच्चे और पत्नी है। इनमें एक लड़की व दो लड़के हैं। इस कड़ी में दिलचस्प बात यह है कि जेईएस के सक्रिय सदस्यों ने कुछ ही घंटों में 44,220 रूपये बतौर चंदा वसूल कर इस कार्य को अंजाम दिया। मृतक दास के शव को मुंबई से रांची भेजने के दौरान सभी सदस्यों ने एक जुटता की मिसाल पेश की।
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