मुंबई में 25 हजार नए घर बनाएगी म्हाडा

मुंबई। महाराष्ट्र गृहनिर्माण व क्षेत्रविकास प्राधिकरण (म्हाडा) अगले कुछ वर्षों में गोरेगांव इलाके में 25,000 नए घर बनाएगा। इनमें से 7,003 घर पहाड़ी-गोरेगांव और 18,000 घर मोतीलाल नगर में तैयार किए जाएंगे। सस्ते घर मुहैया करवाने के साथ प्राधिकरण ने 25,000 करोड़ रुपये की कमाई का भी रास्ता खोज लिया है।

म्हाडा सभापति मधु चव्हाण के अनुसार, गोरेगांव के मोतीलाल नगर में 143 एकड़ में 5,000 करोड़ की परियोजना पर काम किया जा रहा है। यहां पुनर्वसन के लिए 3,700 घर बनाने के बाद भी म्हाडा को बिक्री के लिए 18,000 घर मिलेंगे। इन घरों को बेचकर आसानी से 25,000 करोड़ रुपये की कमाई की जा सकती है। वैसे, किफायती घरों के लिए म्हाडा ने 1,945,45 करोड़ रुपये की योजना अलग से बना रखी है।

पहाड़ी गोरेगांव में जल्द ही 7,003 घरों का निर्माण का शुरू हो जाएगा। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1,947 घर तैयार किए जाएंगे। ईडब्लूएस (बेहद कम आय) के सर्वाधिक 2,000 घर, एचआईजी (कम आय) के 792, एमआईजी (मध्य आय) के 768 घर और एलआईजी (उच्च आय) के लिए 1,600 घर बनाए जाएंगे।

पिछले कई वर्षों से घाटे में चल रहे म्हाडा ने वर्ष 2019-20 के लिए 1,566.63 करोड़ के मुनाफे का बजट पेश किया। मंगलवार को म्हाडा ने कुल 8,259.75 करोड़ का बजट पेश किया है। बजट के मुताबिक, म्हाडा के पास मौजूदा समय में 840 करोड़ रुपये डिपॉजिट है। प्राधिकरण ने आगामी वर्ष में 6,692 करोड़ रुपये का खर्च दिखाया है। लगातार सफल होती योजनाओं की वजह से साल दर साल म्हाडा ने सरकार से अनुदान राशि लेना कम कर दिया है। 2018-19 में म्हाडा ने सरकार से 202 करोड़ रुपये अनुदान के तौर पर लिए थे, जो 2019-20 में घटकर 98 करोड़ हो गए।

मुंबई में जमीन खरीदने के लिए बजट में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। म्हाडा को बोरीवली में 7 एकड़ जमीन खरीदने का प्रस्ताव मिला है। मुंबई बोर्ड म्हाडा ने दुकानों को बेच कर घाटे की भरपाई की योजना बनाई है। म्हाडा 276 दुकानों की नीलामी करने वाली है। इन दुकानों की नीलामी से बोर्ड को 100 करोड़ का घाटा कम होने की उम्मीद है।

म्हाडा का राज्य का बजट जहां फायदे में दिख रहा है, वहीं म्हाडा का मुंबई बोर्ड का बजट 304 करोड़ रुपये घाटे में रहा है। म्हाडा सभापति मधु चव्हाण के अनुसार, 2019-20 का मुंबई म्हाडा का बजट 2,221 करोड़ रुपये का है, जबकि जमा राशि 1,917 करोड़ रुपये है। पिछली सरकार की तरफ से समय पर निर्णय न लेने की वजह से म्हाडा बकाया राशि वसूल नहीं पाई है। इस वजह से बोर्ड को घाटा हुआ है।

मरम्मत के लिए खर्च:

कॉलोनी   –  आवंटित राशि
बॉम्बे डाइंग (वडाला) –  240 करोड़
कन्नमवार नगर –  50 करोड़
वेस्ट इंडिया मिल –   40 लाख
प्रतीक्षा नगर  –   3 करोड़
बीबीडी चॉल के लिए – 250 करोड़
मूलभूत सुविधा के लिए – 350 करोड़

 


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