शक के दायरे में HPCL की दोहरी नीतियां

मुंबईकरों को एमआर 1 और 2 से खतरा बढ़ा

मुश्ताक खान/ मुंबई। करीब 25 हजार मुंबईकरों की जान से खिलवाड़ करने वाले एचपीसीएल मुंबई रिफाईनरी (HPCL Mumbai Refinery) के ठेकेदार द्वारा सरकारी नियमों को ताक पर रखकर ओवर हेड पाईप लाईन बिछाने के लिए रेक बनाया जा रहा था। जिसे स्थानीय समाजसेवकों ने डायल 100 की मदद से रुकवा दिया। कॉल के बाद आई आरसीएफ पुलिस ने ठेकेदार के लोगों सहित कॉल करने वालों को पुलिस स्टेशन ले गई। ठेका कंपनी का काम तो रूका लेकिन मामला दर्ज नहीं हुआ। इसे देखते हुए समजसेवक ने केंद्र एवं राज्य के संबंधित विभागों को ई-मेल के जरीये जानकारी दी है। इसके अलावा लिखित शिकायत भी की गई है। कॉल करने वालों में अहमद जे पठान (Ahmed J Pathan), अलबर्ट एम लियोनार्ल्ड (Albert M Leonard) और लता सुनील खंडागले (Lata Sunil Khandagale) हैं।

गौरतलब है कि एचपीसीएल ने एम आर टू का काम कथित रूप से ब्रिज एण्ड रूफ कंपनी (इंडिया) लिमिटेड ( Bridge and Roof Company LTD (India) नामक ठेका कंपनी को दिया है। इस कड़ी में दिलचस्प बात यह है कि एचपीसीएल प्रबंधन द्वारा सुरक्षा मानकों को वरीयता देने के ढोंग की पोल खुल गई है। चेंबूर, वाशीनाका के एल यू गडकरी मार्ग (Chembur, Vashinaka, L.U.Gadkari Marg) पर स्थित एचपीसीएल मुंबई रिफाईनरी वन है और मुंबई रिफाईनरी टू परियोजना का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। इन दोनो के बीच करीब 50 से 60 फुट की दूरी है।

एमआर वन (MR 1) और एमआर टू (MR 2) की सुरक्षा दिवार के बीच एल यू गडकरी मार्ग है। इस मार्ग से भारी वाहनों के अलावा बेस्ट की बसें व अन्य यातायात के साधन हैं। इस क्षेत्र की जनता का लाईफ लाईन एल यू गडकरी मार्ग ही है। इस मार्ग पर विभिन्न प्रकार के रासायनिक पदार्थों से लदे बड़े-बड़े टैंकर भी स्थाई रूप से खड़े रहते हैं।

उल्लेखनीय है की एल यू गडकरी मार्ग पर स्थित म्हाडा कॉलोनी (Mhada Colony), विष्णू नगर सोसायटी (Vishnu Nagar Society), प्रयाग नगर (Prayag Nagar), प्रकाश नगर (Prakash Nagar), अमन को ऑप -सोसायटी (Aman Co-op. Society), समथा नगर (Samtha Nagar), ज्योति नगर सोसायटी (Jyoti Nagar Society) आदि रहिवासी क्षेत्र है। स्थानीय समाजसेवकों के अनुसार इस क्षेत्र में 22 से 25 हजार मुंबईकर रहते हैं। इसके अलावा इसी रोड पर पेप्सी कंपनी (Pepsi Compani) और छोटे बड़े कई कल कारखाने भी हैं। इतना ही नहीं उपरोक्त नगरों का बॉर्डर भाभा अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) (BARC) की सुरक्षा दिवार से जुड़ा है। जो कि सुरक्षा की दृष्टी से बेहद संवेदनशील है। इस इलाके को राज्य सरकार ने अतिसंवेदनशील क्षेत्र के रूप में घोषित किया है।

इसके काई कारण हैं। बहरहाल सुरक्षा की दुहाई देने वाली एचपीसीएल प्रबंधन की दोहरी नीति चौंकाने वाली है, प्रबंधन द्वारा ओवर हेड पाईप लाईन बिछाने की अनुमति देना कई सवालों को जन्म देता है। क्या यहां के अधिकारी बिकाऊ हैं? अगर ऐसा नहीं है तो ठेका कंपनी को ओवर हेड पाईप लाईन बिछाने की अनुमति किसने व कैसे दी? क्या एमआर टू का प्लानिंग ऐसा ही बनाया गया है कि उसे एमआर वन से जोड़ने के लिए मुंबईकरों की जान जोखिम में डालकर प्लान पूरा किया जाए। इसके लिए कंपनी के पास पर्याप्त जगह व तरीका भी है।

बता दे कि डायल 100 के बाद आरसीएफ पुलिस (RCF Police) कथित ब्रीजन रूफ के साईट इंजीनियर व अन्य कर्मियों से पूछताछ कर रही थी। इस बीच यह सवाल भी उठा की सुरक्षा को ताक पर रख कर बिना आरटीओ अधिकारी के ही 12 अक्टूबर की देर रात यह काम कैसे किया जा रहा था। हालांकि इस दौरान शिकायतकर्ताओं को ठेका कंपनी के लोगों ने तरह- तरह से परखने की कोशिश की। मामला रात का होने के बावजूद आरसीएफ पुलिस स्टेशन में शिकायतकर्ताओं से अधिक ठेकेदार के लोग थे। इस बात को पुलिस स्टेशन की सीसीटीवी मे सहज ही देखा जा सकता है।

ठेकेदार के लोगों ने शिकायतकर्ताओं से बात चीत के दौरान यह भी कहा की इस प्रोजेवट को पास कराने में मनपा में लगभग 50 लाख व पुलिस को भी मोटी रकम देने का इशारा किया। इसके अलावा अन्य विभागों में भी इसी तरह मोटी रकम देकर इस परियोजना को पास कराया गया है। ठेकेदार के लोगों की बात इस ओर संकेत देती है कि जब हम इतना कर सकते हैं तो आगे कुछ भी हो सकता है। कुल मिला कर पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। जिसके कारण समाजसेवक अहमद जे पठान ने 12 अक्टूबर रात की घटना को लिखित तौर पर शासन और प्रशासन को दिया है। उन्होंने अपने शिकायती पत्र में डायल 100 का हवाला भी दिया है।

पठान ने अपने पत्र में पुलिस के कार्यों पर भी सवाल उठाए हैं। इसी तरह अलबर्ट एम लियोनार्ल्ड ने एचपीसीएल प्रबंधन के अलावा केंद्र व राज्य के सभी संबंधित विभागों को ई-मेल के जरीये इस घटना की जानकारी दी है। उन्होंने अपने पत्र में देश की बहूराष्ट्रीय हिंदुस्तान पेट्रोलियम एंड केमिकल्स लिमिटेड (नव रत्न कंपनी) की सुरक्षा मानकों का हवाला देते हुए पूरी तफसील लिखी है। अलबर्ट एम लियोनार्ल्ड ने लिखा है की मौजूदा आतंकवादी परिस्थितियों को देखते हुए एचपीसीएल प्रबंधन द्वारा उठाया गया कदम सवालों के घेरे में है। उन्होंने सवाल उठाया है की ठेका कंपनी ने सिर्फ आपने फायदे के लिए यहां की जनता को बलि का बकरा बनाना चाहती है। वहीं लता सुनील खंडागले का कहना है की एचपीसीएल की दोहरी नीति खाउ पकाउ दिखती है।

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