साभार/ मुंबई। डेंगी के डंक का प्रकोप तेजी से महानगर में फैल रहा है। आंकड़ों की माने तो पिछले साल की तुलना में इस साल सितंबर महीने में डेंगी के कारण होने वाली मौतों में 4 गुना बढ़ोतरी हुई है। बीएमसी से मिले आंकड़ो के अनुसार पिछले साल सितंबर में डेंगी के कारण जहां केवल 3 लोगों की मौत हुई थी वहीं इस साल यह बढ़कर 12 हो चुकी है।
विशेषज्ञों की माने तो इस साल मॉनसून में हुई दो बार भारी बारिश के कारण मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। मौत के आंकड़ों के अलावा अगर मामलों की बात करें तो इसमें भी पिछले साल की तुलना में बढ़ोतरी हुई है।
मुबई में सितंबर महीने में पिछले साल की तुलना में इस साल डेंगी के मामलों में 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। आंकड़ों की माने तो पिछले साल इसी महीनें में डेगी के कुल 382 मामले थे जो इस साल बढ़कर 412 हो गए हैं। बीएमसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस साल अगस्त और सितंबर महीने में हुई भारी बारिश के कारण मामलों में बढ़ोतरी हुई है। भारी बारिश के कारण जगह-जगह पर पानी जमा हो जाता है। जिससे उनमें आसानी से मच्छरों के लार्वा पैदा हो जाते हैं। और मच्छर जनित बीमारियों की समस्या बढ़ती है।
ठंड के साथ बुखार आने की समस्या और शरीर के जोड़ों में दर्द होने पर डॉक्टरों ने तुरंत चिकित्सकों से मिलने की सलाह दी है। डेंगी के कारण बढ़ रही मरीजों की संख्या को देखते हुए बीएमसी ने एक महीने के दौरान 12,714 चॉल में विशेष अभियान चलाकर 14 लाख से अधिक घरों की जांच की। इस दौरान 6461 जगहों पर डेंगी फैलाने वाले एडिस एजिप्टि के लार्वा मिले।
बारिश के दौरान यूं तो पूरे मुंबई में डेंगी का आतंक रहता है, हालांकि सितंबर महीने में आए 412 मामलों में से 80 प्रतिशत से अधिक मामले केवल सात वॉर्डस से हैं। डेंगी के कारण सितंबर में 412 लोगों को अस्पताल का चक्कर लगाना पड़ा था, जिसमें से 334 मामले एफ/दक्षिण,(परेल),एफ/उत्तर(वडाला),जी/दक्षिण(एलफिंस्टन),जी/उत्तर(दादर पश्चिम),एल(कुर्ला)एम/पूर्व गोवंडी और ई भायखला से हैं। इस संदर्भ में बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि उपरोक्त वार्ड में मामलों के बढ़ने की वजह इन इलाकों का निचला होना है। यहां पानी जल्दी से जमा हो जाता है और मच्छरों को सह मिलती है।
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