18 को भुजबल की जमानत याचिका पर फैसला

मुंबई। आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार पूर्व पीडब्लूडी मंत्री छगन भुजबल की जमानत याचिका पर फैसला 18 दिसंबर को आ सकता है। भुजबल पिछले डेढ़ साल से आर्थर रोड जेल में बंद हैं। महाराष्ट्र सदन घोटाला व बेहिसाबी सम्पत्ति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भुजबल पर केस दर्ज किया है। कुछ दिनों पहले प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) यानी मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी कानून के सेक्शन 45 को रद्द किए जाने से भुजबल को जमानत मिलने की आशा जगी है। इसके बाद जमानत के लिए भुजबल ने पीएमएलए कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

हालांकि ईडी ने भुजबल की जमानत याचिका का विरोध किया है। शुक्रवार को भुजबल व उनके भतीजे समीर भुजबल की नई जमानत याचिका को लेकर जोरदार बहस हुई। फरवरी, 2016 में समीर को मनी लांड्रिंग केस में ईडी ने गिरफ्तार किया था। अब यह सबकी निगाहें 18 दिसंबर को कोर्ट के आने वाले फैसले पर टिकी है, जिसमें पता चलेगा कि भुजबल को जमानत मिलेगी या फिर उन्हें अभी जेल में रहना पड़ेगा। भुजबल की सम्पत्ति जब्त हाल ही में ईडी ने भुजबल और अन्य के खिलाफ जांच करते हुए 20.41 करोड़ रूपया जब्त करने का आदेश जारी किया है।

इसमें पीएमएलए की धाराओं के तहत संपत्ति को अस्थायी रूप से जब्त करने का आदेश दिया गया है। ईडी ने बताया कि इन पांच संपत्तियों में मुंबई, नासिक व पुणे स्थित भुजबल का बंगला, फ्लैट व कार्यालय शामिल है। इस मामले में जब्त होने वाली संपत्ति का अब कुल मूल्य 178 करोड़ रूपया हो गया है। भुजबल के बेटे व एनसीपी विधायक पंकज व उनके भतीजे समीर भी इस मामले में आरोपी हैं। इन लोगों के खिलाफ मनी लांड्रिंग के तहत दिल्ली में महाराष्ट्र सदन के निर्माण के ठेके व मुंबई में कालीना भूमि के मामले से जुड़े हुए हैं।

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